सरकार के ‘राइट टू रिकॉल’ बिल के विरोध में उतरी कांग्रेस, दूसरे मुद्दों पर भी सत्ता से सवाल

सरकार के ‘राइट टू रिकॉल’ बिल के विरोध में उतरी कांग्रेस, दूसरे मुद्दों पर भी सत्ता से सवाल

चंडीगढ़
हरियाणा सरकार द्वारा गत दिवस विधानसभा में पारित किए गए राइट टू रिकॉल विधेयक के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेसियों ने इस विधेयक को लोकतंत्र पर प्रहार बताते हुए इस बिल को जनविरोधी बताया है। इसके  साथ-साथ कांग्रेस ने जहरीली शराब से हुई मौतों में उच्च स्तरीय जांच करवाने की भी मांग की है जबकि मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस बढ़ोतरी भी वापस लेने की मांग की गई है।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा विधानसभा में सरकार द्वारा पंचायती राज में लाया गया राइट टू रिकॉल बिल लोकतंत्र पर प्रहार है। जब राइट टू रिकॉल का प्रावधान सांसदों, विधायकों के लिए नहीं है, तो हरियाणा में पंचायती राज और मेयर के खिलाफ यह क्यों लाया जा रहा है।
सैलजा ने कहा कि इससे विकास कार्य ठप हो जाएंगे। गांवों में धड़े बंदी को बढ़ावा मिलेगा और सामाजिक ताना-बाना टूटेगा। इससे निरंतर अस्थिरता का माहौल बना रहेगा। बार-बार चुनाव होने से पैसों व संसाधनों की भी बर्बादी होगी। यदि बार-बार निर्वाचित उम्मीदवार को खारिज करना शुरू कर दिया गया तो बार-बार चुनाव किए जाएंगे।
चुनाव एक खर्चीली प्रक्रिया है, जहां सरकार का पैसा तो खर्च होता ही है, साथ ही उम्मीदवारों द्वारा भी खर्च किया जाता है। यदि बार-बार चुनाव हुए तो आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक समस्याएं भी खड़ी होंगी। सैलजा ने कहा कि सरकार द्वारा आनन-फानन लाया गया यह प्रावधान किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है। यह पूरी तरह जनविरोधी हैं।

उन्होंने कहा कि बिना विपक्षी दलों से बातचीत किए, बिना फीडबैक लिए आनन-फानन में पास किया गया। यह बिल बताता है कि सरकार की नीयत बिल्कुल भी ठीक नहीं है। सैलजा ने हरियाणा प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस बढ़ोतरी को लेकर हरियाणा सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के कई हिस्सों में जहरीली शराब से 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और यह आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

प्रदेश में नकली शराब बनाने वाले गिरोह की सक्रियता किसकी शह पर बनी हुई है? यह हरियाणा प्रदेश में चरमराई हुई कानून व्यवस्था का एक और बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार जिम्मेदार है। इससे पहले लॉकडाउन में हरियाणा प्रदेश में हुए शराब घोटाले पर पर्दा डालने का काम इस सरकार ने किया। जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से तुरंत उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

सैलजा ने कहा कि यह सरकार गरीब वर्ग को शिक्षा से वंचित करना चाहती है। सरकार मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस फीस को 53 हजार से बढ़ाकर 10 लाख तक कर रही है। यह बढ़ोतरी बिल्कुल भी बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। यह बढ़ोतरी हरियाणा प्रदेश के युवाओं के हितों पर कुठाराघात है। देश के किसी भी सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस की इतनी फीस नहीं है। आखिर हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार केंद्र सरकार की परिपाटी पर चलते हुए क्यों ऐसा फैसला ले रही है। इस बढ़ोतरी को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए।

 

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