सरकार के अधिकारियो का यह कारनामा आया सामने, बिना टेंडर-कुटेशन के सीधा 22 लाख मूल्य की किताबो का सप्लाई आर्डर

सरकार के अधिकारियो का यह कारनामा आया सामने, बिना टेंडर-कुटेशन के सीधा 22 लाख मूल्य की किताबो का सप्लाई आर्डर

शिक्षा विभाग में नियमों को दरकिनार कर स्कूल में स्थापित पुस्तकालयों के लिए किताबों की खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है। दिल्ली के अंसारी रोड स्थित एक प्रकाशक को बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के 22 लाख रुपये की किताबों का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया गया है। दरअसल राज्य सभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने अपनी सांसद निधि से जिला हमीरपुर के प्रारंभिक और शिक्षा विभाग को कुल 22 लाख रुपये की धनराशि जारी की है। इसके तहत प्रारंभिक शिक्षा विभाग को 6 लाख रुपये, जबकि उच्चतर शिक्षा विभाग को 16 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इन दोनों विभागों को उपायुक्त शिमला की ओर से सांसद निधि के संबंध में पत्र जारी किया गया है। जिसमें सांसद निधि से 22 लाख रुपये से किताबें खरीदने का जिक्र किया गया है।

कायदे के अनुसार किसी भी सरकारी विभाग में खरीदारी के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट काॅरपोरेशन और जैम पोर्टल(ई-मार्केट प्लेस) के माध्यम से कुटेशन और टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाती है। लेकिन, बीती 29 मई 2023 को प्रारंभिक और उच्चतर शिक्षा विभाग ने टेंडर और कुटेशन प्रक्रिया अपनाए बिना दिल्ली के एक प्रकाशक को 22 लाख रुपये की किताबों का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिए। महालेखाकार एवं अंकेक्षण विभाग कार्यालय शिमला पूर्व में भी कई सरकारी विभागों में नियमों के विपरीत खर्चों को लेकर सवाल खड़े कर चुका है। वर्तमान में भी करीब आधा दर्जन से अधिक सरकारी विभागों के अधिकारियों को रिकवरी के नोटिस तक जारी हुए हैं। बावजूद इसके शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पूर्व के इन मामलों से कोई सबक नहीं लिया।

क्या कहते हैं अधिकारी
राज्य सभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने सांसद निधि से किताबों की खरीद के लिए 22 लाख रुपये धनराशि जारी की है। हमारा काम सांसद निधि का पैसा जारी करना था। लेकिन, एग्जीक्यूटिंग एजेंसी को खरीदारी से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं। टेंडर या कुटेशन के माध्यम से खरीदारी हो रही है या नहीं, यह शिक्षा विभाग को देखना चाहिए।-आदित्य नेगी, उपायुक्त शिमला।

सांसद निधि के तहत किताबों की खरीदारी के लिए छह लाख रुपये मिले हैं। लेकिन उपायुक्त शिमला का जो पत्र मिला है, उसमें किसी प्रकाशक का नाम व पता दर्शाया हुआ है। जिसके चलते टेंडर और कुटेशन आमंत्रित नहीं किए गए। गत दिवस संबंधित प्रकाशक के प्रतिनिधि हमीरपुर स्थित विभाग के कार्यालय आए थे। जिन्हें किताबों का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है।-अशोक कुमार, उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर।

सांसद निधि के तहत किताबों की खरीदारी के लिए 16 लाख रुपये मिले हैं। उपायुक्त शिमला का जो पत्र मिला है, उसमें किसी प्रकाशक का नाम व पता दर्शाया हुआ है। जिसके चलते टेंडर और कुटेशन आमंत्रित नहीं किए गए। संबंधित प्रकाशक के प्रतिनिधि हमीरपुर स्थित विभाग के कार्यालय आए थे। जिन्हें किताबों का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग में बिना टेंडर इतनी बड़ी राशि की किताबों की खरीदारी में दलाली की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।-शकुंतला पटियाल, उपनिदेशक, उच्चतर शिक्षा विभाग हमीरपुर।

सरकार करवाए मामले की जांच: रोहित
शिक्षा विभाग में बिना टेंडर और कुटेशन किताबों की खरीदारी की बात सामने आई है। प्रदेश सरकार को इस मामले की जांच करवानी चाहिए। इसमें भ्रष्टाचार की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। किन कारणों से बिना कुटेशन या टेंडर स्कूल के पुस्तकालयों के लिए किताबें खरीदी जा रही हैं, इसका जनता को पता लगना चाहिए।-एडवोकेट रोहित शर्मा, सदस्य, हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल शिमला।

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