सरकार का एलान- बीएसएफ की भर्तियों में अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण, ऊपरी आयु-सीमा में छूट भी

सरकार का एलान- बीएसएफ की भर्तियों में अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण, ऊपरी आयु-सीमा में छूट भी

केंद्र सरकार ने भारतीय सेना में भर्ती की नई प्रक्रिया अग्निपथ योजना के तहत शामिल हो रहे अग्निवीरों को होली पर बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने पूर्व-अग्निवीरों के लिए बीएसएफ के भीतर रिक्तियों में 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की है।

इसके साथ ही अग्निवीरों को ऊपरी आयु-सीमा मानदंडों में छूट दी जाएगी। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे अग्निवीर पहले बैच का हिस्सा हैं या बाद के बैचों का। गृह मंत्रालय ने छह मार्च को इस संबंध में घोषणा आदेश को मंजूरी देते हुए एक अधिसूचना भी जारी कर दी है।

25 फीसदी उम्मीदवारों को सीधे सेना में स्थायी नौकरी

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में घोषणा की गई है कि अग्निवीर भर्ती के पहले बैच से पास आउट होने वाले 25 फीसदी उम्मीदवारों को सीधे सेना में स्थायी नौकरी दी जाएगी। जबकि शेष 75 फीसदी अग्निवीर उम्मीदवारों को सेना की विभिन्न यूनिटों, पुलिस भर्ती, केंद्रीश सशस्त्र बलों आदि की नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा कई अन्य लाभ भी मिलते हैं।

पहले बैच के लिए ऊपरी आयु सीमा में पांच साल की छूट

अधिसूचना के अनुसार, शेष 75 फीसदी उम्मीदवारों जो अन्य सैन्य बलों में आवेदन करने के इच्छुक होंगे उन्हें इस अधिसूचना के तहत बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी बीएसएफ (Ex-Agniveer BSF Recruitment) की भर्ती में 10 फीसदी आरक्षण के अलावा पहले बैच में सभी श्रेणियों के उम्मीदवारों को ऊपरी आयु-सीमा नियम में पांच साल की छूट दी जाएगी।

अन्य बैच के लिए ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट

अधिसूचना में कहा गया है कि पूर्व अग्निवीर श्रेणी से भर्ती होने वाले अन्य बैच (प्रथम बैच के अतिरिक्त अन्य सभी) के उम्मीदवारों को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी बीएसएफ (Ex-Agniveer BSF Recruitment) की भर्ती में 10 फीसदी आरक्षण के अलावा सभी श्रेणियों के उम्मीदवारों को ऊपरी आयु-सीमा नियम में तीन साल की छूट लागू रहेगी।

फिजिकल एफिशियंसी टेस्ट से भी छूट

इतना ही नहीं, अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार अंडर सेक्रेटरी शिव लहरी मीणा ने बताया कि बीएसएफ की भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल एफिशियंसी टेस्ट यानी शारीरिक क्षमता परीक्षण से भी छूट दी जाएगी। अर्थात उन्हें दोबारा शारीरिक क्षमता परीक्षा में पात्रता साबित करने की जरूरत नहीं होगी, वे सीधे ही अगले दौर में भर्ती के पात्र होंगे।

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