संदिग्ध निजी शिक्षण संस्थानों की चार वर्ष बाद बहाल होगी छात्रवृत्ति राशि

संदिग्ध निजी शिक्षण संस्थानों की चार वर्ष बाद बहाल होगी छात्रवृत्ति राशि

हिमाचल प्रदेश में सामने आए 265 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले के चलते 27 संदिग्ध निजी शिक्षण संस्थानों की बीते चार वर्षों से रोकी गई छात्रवृत्ति जल्द बहाल होगी। सीबीआई की ओर से चार्जशीट दायर करने के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने राशि जारी करने की कवायद शुरू कर दी है। छात्रवृत्ति घोटाले के चलते वर्ष 2017-18 से इन संस्थानों को राशि जारी नहीं हुई है। इन संस्थानों के पात्र विद्यार्थियों के दस्तावेज जांचने के बाद निदेशालय पैसा जारी करेगा।

शिक्षा विभाग में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के चलते विभाग ने संदिग्ध संस्थानों की छात्रवृत्ति रोक दी थी। सीबीआई की रडार पर यह संस्थान थे। प्रदेश और पड़ोसी राज्यों में चल रहे इन संस्थानों पर फर्जी दाखिले दिखाकर छात्रवृत्ति राशि हड़पने का आरोप है। इस मामले में शिक्षा विभाग का एक अधिकारी सीबीआई ने गिरफ्तार भी किया है। अब सीबीआई की ओर से मामले की जांच पूरी कर चार्जशीट कोर्ट में दायर कर दी गई है।

शिक्षा विभाग को भी सीबीआई ने पूरी जांच के बाद पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति राशि जारी करने के आदेश दे दिए हैं। निदेशालय ने अब दस्तावेजों की जांच का काम शुरू कर दिया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि सीबीआई की ओर से ब्लैकलिस्ट संस्थानों की जल्द पड़ताल करने के बाद राशि जारी की जाएगी।

मई 2019 में सीबीआई ने दर्ज की थी एफआईआर
सीबीआई ने मई 2019 में जयराम सरकार की मांग पर छात्रवृत्ति घोटाले में एफआईआर दर्ज की थी। छोटा शिमला पुलिस थाना में शिक्षा विभाग ने मामला भी दर्ज करवाया था। थाना में दर्ज शिकायत को आधार बनाते हुए सीबीआई ने मामला दर्ज किया था।

2013-14 से 2016-17 तक गड़बड़ी का है अंदेशा
शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक छात्रवृत्ति आवंटन में गड़बड़ी का अंदेशा है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में 265 करोड़ से अधिक की रकम का गलत आवंटन होने का अंदेशा है।

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