प्रतिबंधित अल-उमर मुजाहिदीन आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली है और निकट भविष्य में भी इसी तरह की गतिविधियों को अंजाम देने की धमकी दी है। यह संगठन 1990 के दशक के शुरू में निष्क्रिय हो गया था और 1992 में इसके प्रमुख मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ ‘मुश्ताक लतराम’ को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह समाप्त हो गया था।
अधिकारी ने बताया कि हमले में एसएसबी का एक जवान शहीद हो गया और आठ अन्य जख्मी हो गए। उन्होंने कहा कि घायलों में एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। उन्हें इलाज के लिए एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुरक्षाबलों ने तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी और आतंकवादियों को पकडऩे के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। नौहट्टा में 15 अगस्त को हुई एक मुठभेड़ के बाद यह शहर में आतंकवादियों द्वारा किया गया पहला हमला है। नौहट्टा में हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक कमांडेंट शहीद हो गया था और नौ अन्य कर्मी जख्मी हो गए थे।