शिमला सैलानियों से गुलजार, 80 फीसदी ऑक्यूपेंसी

शिमला सैलानियों से गुलजार, 80 फीसदी ऑक्यूपेंसी

शिमला
 हिमाचल प्रदेश की राजधानी हिल्सक्वीन शिमला में करीब एक महीने बाद ऑक्यूपेंसी 50 से बढ़कर 80 फीसदी पहुंचने से कारोबारियों के चेहरे खिल गए हैं। बंदिशों के बावजूद बड़ी संख्या में सैलानी वीकेंड पर शिमला पहुंचे हैं। कसौली और चायल के होटलों में भी सैलानियों की संख्या बढ़ी है।  पिछले महीने कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद लगी बंदिशों के चलते सैलानियों ने शिमला का रुख करना कम कर दिया था। होटलों में वीकेंड पर भी 40 से 50 फीसदी ही ऑक्यूपेंसी चल रही थी।

इस हफ्ते सैलानियों की संख्या बढ़ने से शहर के पर्यटन कारोबारी खासे उत्साहित हैं। शनिवार को शिमला के रिज मैदान और मालरोड पर पूरे दिन सैलानियों की चहलपहल रही। शनिवार को लिफ्ट कार पार्किंग की सभी मंजिलें दोपहर दो बजे के बाद फुल हो गईं। करीब चार बजे पार्किंग के एंट्री प्वाइंट पर नो पार्किंग का बोर्ड लगा दिया गया। कार्ट रोड से मालरोड को जोड़ने वाली पर्यटन विकास निगम की लिफ्ट के बाहर भी पूरे दिन सैलानियों की कतारें लगी रहीं। 

शिमला के होटल कॉम्बरमेयर के महाप्रबंधक पुरुषोत्तम गुलेरिया ने बताया कि छह बजे तक होटल के 90 फीसदी कमरे बुक हो गए थे। होटल मरीना के फ्रंट आफिस मैनेजर सुनील चंदेल ने बताया कि होटल में 70 फीसदी ऑक्यूपेंसी है। होटल रेडीसन के वाइस प्रेजीडेंट विकास कपूर ने बताया कि होटल में करीब 50 से 55 फीसदी ऑक्यूपेंसी है।

अगले हफ्ते और बढ़ोतरी की उम्मीद
शिमला होटिलियर एसोएिशन के पूर्व अध्यक्ष हरनाम सिंह कुकरेजा ने बताया कि करीब एक महीने बाद शहर के होटलों में ऑक्यूपेंसी 70 से 80 फीसदी तक पहुंच गई है। आने वाले वीकेंड पर भी सैलानियों की आमद में बढ़ोतरी की उम्मीद है।

कसौली में 90, चायल में 60 फीसदी ऑक्यूपेंसी
कसौली होटलियर एसोसिएशन के अध्यक्ष राज कुमार सिंगला ने बताया कि कसौली में इस वीकेंड पर ऑक्यूपेंसी करीब 90 फीसदी पहुंच गई है। चायल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र वर्मा ने बताया कि वीकेंड पर चायल के होटलों में ऑक्यूपेंसी 50 से 60 फीसदी तक पहुंच गई है, जो पिछले हफ्तों के मुकाबले 20 से 30 फीसदी अधिक है।

उधर, कोरोना काल में ठप पड़ा मनाली का पर्यटन कारोबार अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। मनाली में वीकेंड पर ही होटलों में महज पांच फीसदी ऑक्यूपेंसी रह रही है। मनाली की ऊंची चोटियों पर बर्फ गिरने का क्रम भी शुरू हो गया है। देश-विदेश के सैलानियों को बर्फबारी भी आकर्षित नहीं कर पा रही है। हालांकि पर्यटन की दृष्टि से सितंबर माह काफी अहम माना जाता है।

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