विश्वविद्यालय ने तैयार किया स्टूडैंट चार्टर

शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने स्टूडैंट चार्टर तैयार कर लिया है। स्टूडैंट चार्टर को मंजूरी के लिए अब आगामी कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में पेश किया जाएगा। चार्टर को मंजूरी मिलते ही इसे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लागू कर दिया जाएगा। बीते दिनों दिसम्बर माह में प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों व विश्वविद्यालय के अधिकारियों के बीच इसको लेकर इंट्रैक्टिव सैमीनार का आयोजन किया गया था। इस सैमीनार में हुई चर्चा के आधार पर और विश्वविद्यालय में अनुशासन, कार्यकुशलता व समयबद्धता बनाए रखने के लिए स्टूडैंट चार्टर को अंतिम रूप दिया गया है।

स्टूडैंट चार्टर में छात्रों के प्रति विश्वविद्यालय की भी कई जिम्मेदारियां तय की गई हैं। इसमें छात्रों को विश्वविद्यालय के विजन, मिशन व विभिन्न कार्यक्रमों से अवगत करवाने, छात्रों को बेहतर व सही जानकारी देने, छात्रों के साथ बेहतर व्यवहार करने, छात्रों को अकादमिक, प्रोफैशनल व पर्सनल काऊंसलिंग देने सहित अन्य ङ्क्षबदुओं को शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय में सभी कार्य समय पर पूरे हो सकें और तीनों वर्ग अपनी जिम्मेदारियों को समझें इसके लिए भी गाइडलाइंस बनाई गई हैं। इसके अलावा प्रदेश विश्वविद्यालय में समय पर आना और निर्धारित समय तक विश्वविद्यालय के कार्यों को अंजाम देना आदि कई पहलुओं पर इस चार्टर को तैयार किया गया है।

19 बिंदुओं को किया शामिल
यहां बता दें कि छात्रों की विश्वविद्यालय के प्रति जिम्मेदारियों में कुल 19 ङ्क्षबदुओं को शामिल किया गया है। इसमें विश्वविद्यालय का कैलेंडर, टाइम शैड्यूल, नियम व संविधान को छात्रों द्वारा अनुसरण करने के अलावा छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों में नियमित रूप से भाग लेने को शामिल किया गया है।

छात्रों को विश्वविद्यालय के विजन, मिशन, गोल के महत्व को समझने, विश्वविद्यालय सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न अधिकारियों के निर्णयों को मानने, विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में मौजूद लर्निंग रिसोर्स का बेहतर उपयोग करने, विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले सैमीनार, कार्यशाला, वाद-विवाद, ट्रेनिंग प्रोग्राम, प्रोजैक्ट में पूरी सक्रियता के साथ भाग लेने, इंटरनल असैस्मैंट प्रक्रिया में भाग लेने, विश्वविद्यालय के संगठनात्मक व सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने, विश्वविद्यालय में शैक्षणिक कार्यों को और बेहतर करने, शोध कार्यों व अन्य कार्यों को और बेहतर करने के लिए मांगे गए सुझावों का बिना किसी भेदभाव और ईमानदारी से फीडबैक देने, विश्वविद्यालय में मौजूद आधारभूत ढांचे का सही संरक्षण करने, परिसर में अनुशासन बनाए रखने और रैगिंग या किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों में शामिल न होने व विश्वविद्यालय परिसर में समय-समय पर सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने आदि को शामिल किया गया है।

स्टूडैंट चार्टर बना लिया गया है लेकिन एेसे नियम बनाने का लाभ तभी होगा जब आम छात्र उसे अपनाने में सहयोग दें। हमें छात्रों के साथ-साथ उनकी दिक्कतों बारे भी संवाद बढ़ाना होगा।
प्रो. एडीएन वाजपेयी, कुलपति हि.प्र. विश्वविद्यालय

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