सोलन। 65 करोड़ रुपये की गिरि योजना मात्र विद्युत बोर्ड की नाकामी से हांफने लगी है। एक लाख से अधिक आबादी (सोलन शहर व 125 गांव) के बाशिंदों को पेयजल दिक्कत से जूझना पड़ रहा है। गिरि योजना के निर्माण के समय अतिरिक्त वोल्टेज के लिए सब स्टेशन प्रस्तावित किया गया। वर्ष 2005 में ही इस प्रस्तावना को मंजूरी मिली। विद्युत बोर्ड के खाते में 15 करोड़ रुपये की राशि जमा भी करवा दी गई। बावजूद इसके सात साल बीतने पर भी सब स्टेशन का निर्माण न हो सका। 2007 में गिरी योजना का उद्घाटन हुआ। बोर्ड को इससे पहले सब स्टेशन तैयार करने के निर्देश थे, लेकिन इन निर्देशों की पालना 2012 तक नहीं हो पाई है।
सिरमौर जिला से काम चलाऊ विद्युत
वर्तमान में वोल्टेज लाइन को सिरमौर को दी जाने वाली विद्युत सप्लाई से जोड़ा गया है। जब सिरमौर की हरिपुर को जाने वाली योजना और गिरि योजना एक साथ चलती है तो अधिक लोढ हो जाने के कारण लाइन ट्रिप कर जाती है। इसके कारण बत्ती गुल हो जाती है।
न्यूनतम 10500 वोल्टेज चाहिए
गिरि योजना से टैंकों के लिए सप्लाई को न्यूनतम 10500 वोल्टेज की आवश्यकता होती है। वहीं ट्रांसफार्मरों की क्षमता मात्र 11000 हजार वोल्ट के लगभग है। सर्दियों के समय में वोल्टेज अधिकतर लो रहती है, जिसके कारण गिरि से सप्लाई उठाने में समस्या आती है।
2005 में जमा कराए थे 15 करोड़
इस बारे में आईपीएच विभाग के सहायक अभियंता सीआर चौहान ने कहा कि गिरि योजना में सब स्टेशन के निर्माण के लिए 2005 में 15 करोड़ रुपये जमा करवा दिए हैं। निर्माण कार्य में देरी के लिए विद्युत बोर्ड जिम्मेवार है।
मार्च 2013 तक सब स्टेशन: बोर्ड
इस बारे में विद्युत बोर्ड के सहायक अभियंता वीके चंदेल ने कहा कि चिन्हित जगह में तकनीकी खामियों के चलते सब स्टेशन स्थापित करने समस्या आ रही थी। अब गौड़ा में कार्य शुरू हो चुका है। मार्च 2013 तक सब स्टेशन स्थापित हो जाएगा।