विद्यार्थी जान जोखिम में डालकर तीन घंटे पैदल चल पहाड़ी पर नेटवर्क तलाश रहे

विद्यार्थी जान जोखिम में डालकर तीन घंटे पैदल चल पहाड़ी पर नेटवर्क तलाश रहे

न्यूली (कुल्लू)
कोरोना काल में स्कूली विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। जिन क्षेत्रों में इंटरनेट और नेटवर्क की अच्छी सुविधा नहीं है, वहां बच्चों को तीन घंटे की चढ़ाई करके पहाड़ी पर सिग्नल ढूंढकर कक्षाएं लगानी पड़ रही हैं। विद्यार्थियों को जान जोखिम में डालकर घर से दूर जाकर नेटवर्क की तलाश करनी पड़ रही है। कई बार बच्चे खतरनाक जगह पर जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की सैंज घाटी में भी यही आलम है। 

घाटी की पंचायत गाड़ापारली और शांघड़ के दर्जनों गांवों में बीएसएनएल का नेटवर्क न होने से ग्रामीण व उनके बच्चे परेशान हैं। पंचायत गाड़ापारली प्रधान यमुना देवी, उपप्रधान अजय, बीडीसी सदस्य धर्मपाल, संयुक्त संघर्ष समिति सैंज अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि घाटी में नेटवर्क की समस्या बढ़ती ही जा रही है।

बच्चों को ऑनलाइन कक्षाएं लगाने के लिए दो-तीन घंटे पैदल चलकर पहाड़ी पर चढ़कर नेटवर्क तलाशना पड़ता है। दूरसंचार कंपनियों का सिग्नल नहीं होने से विद्यार्थियों और अभिभावकों को रोजाना परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में मोबाइल शोपीस बने हुए हैं।

ग्राम पंचायत गाड़ापारली और शांघड़ में राजकीय माध्यमिक और प्राथमिक पाठशाला लपाह, राजकीय माध्यमिक और प्राथमिक पाठशाला शाक्टी, राजकीय उच्च और प्राथमिक पाठशाला मझाण, राजकीय प्राथमिक पाठशाला मैल, बदेहठा तथा बागीशाड़ी आदि शामिल हैं।

इनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की नेटवर्क समस्या के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है।  उधर, बीएसएनएल के अधिशासी अभियंता राजकुमार ने कहा कि निगम के कर्मचारियों से क्षेत्र की रिपोर्ट ली जाएगी। समस्या का जल्द समाधान कर उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास होगा। 

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