विजिलेंस जांच पूरी, चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी

विजिलेंस जांच पूरी, चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी

शिमला
धारा 118 के तहत गैर कृषकों को हिमाचल प्रदेश में भूमि खरीदने की मंजूरी देने के मामले में चल रही विजिलेंस जांच पूरी हो गई है। जांच पूरी होने के साथ ही चार्जशीट दाखिल करने को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द ही चार्जशीट स्थानीय सत्र न्यायालय में पेश की जाएगी।  सूत्रों के अनुसार जांच में मिले तथ्यों के आधार पर पूर्व मुख्य सचिव व पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त पार्थ सारथी मित्रा समेत चार लोगों को आरोपी बनाया जा सकता है। इनमें मित्रा के अलावा दो बिचौलियों विनोद मित्तल, विवेक डोगरा और एक अन्य व्यापारी का नाम शामिल है। इन सभी से ब्यूरो ने पिछले दो साल के दौरान लंबी पूछताछ और जांच की थी। जांच के दौरान ब्यूरो को कुछ रिकॉर्डिंग मिली थी, जिनमें भ्रष्टाचार के इस पूरे खेल की तस्वीर साफ हो गई थी। रिकॉर्डिंग का फोरेंसिक विश्लेषण कराने के साथ ही उनका सामान्य प्रशासन विभाग के पास मौजूद भाषणों के सैंपलों से मिलान भी किया गया था।

इन सभी तथ्यों के आधार पर अब जांच एजेंसी मामले में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। बता दें कि 2011 में इस मामले की शुरुआती जांच के बाद वीरभद्र सरकार के दौरान ब्यूरो ने इस मामले की जांच को बंद करने की अनुमति कोर्ट से मांगी थी। हालांकि कोर्ट ने ब्यूरो की दलील खारिज करते हुए जांच में मिले तथ्यों के आधार पर उसे आगे जांच करने के निर्देश दे दिए थे। इसके बाद से मामले की नए सिरे से जांच हुई और अब चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी है। जांच के अनुसार अनुमति देने के नाम पर पांच से 10 लाख रुपये तक की घूस लेने-देने की बात सामने आई थी। जांच में यह भी पता चला था कि पैसों का पूरा लेनदेन एजेंटों की मदद से होता था। 

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