शिमला। भाषा कला एवं संस्कृति विभाग के सौजन्य से युवक मंडल भलावग की ओर से गेयटी थियेटर में ‘सबसे बड़ा रुपैया’ नाटक का मंचन किया गया। नाट्य रूपांतर, परिकल्पना और निर्देशन केदार ठाकुर ने किया। नाटक में नेशनल स्कूल आफ ड्रामा तथा अनुपम खेर के संस्थान की ओर से शिमला में आयोजित वर्कशाप में प्रशिक्षण प्राप्त रंग कर्मियों ने भाग लिया। नाटक में दर्शाया गया कि किस प्रकार एक गरीब व्यक्ति गरीबी से छुटकारा पाना चाहता है। उसके लिए वह कुछ भी कर सकता है। मंचन में दर्शाया गया कि एक गरीब परिवार था जो दिन-रात मेहनत कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर जीवन बिताता। एक दिन उनके घर पर एक अजनबी आता है। वह अपने आप को अमीर दिखाता है। बेटी की महत्वाकांक्षा की सीमा नहीं रहती। उन्हें जल्द साकार करने के लालच में वह अपने ही हाथों से अपने खोए हुए भाई जो अजनबी बनकर उनके घर पर आता है, का खून कर देती है। परिवार ने जिस बच्चे को पहले खो दिया था, उसे पाकर फिर खो दिया। नाटक में गरीबी बेहद जीवंत नजरिये से दर्शाया गया। नाटक में बताया गया कि गरीब अमीर बनने के लालच में किस प्रकार गिर जाता है। धीरेंद्र सिंह रावत, प्रभात शर्मा, सीता नेगी, हेमलता रावत, नितेश शर्मा, ललित शर्मा और नीरज राघव ने बेहतरीन अभिनय किया।
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