रोहड़ू के गांवों में कब होगा उजाला

रोहडू। पंद्रह दिन के अंदर दो बार 66 केवी की ट्रांसमिशन लाइन टूटने से विद्युत बोर्ड के ट्रांसमिशन विंग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। ट्रांसमिशन लाइन को जोड़ने के लिए पांवटा साहिब से टीम आती है। उसके बाद ही लाइन को जोड़ने का कार्य होता है। बार-बार ट्रांसमिशन लाइन टूटने से सीधे रूप से 84 पंचायतों के लोग प्रभावित हो रहे हैं।
सुंगरी के समीप 66 केवी की ट्रांसमिशन लाइन पिछले वर्ष 15 जनवरी 2012 को भी भारी बर्फबारी से टूट गई थी। इसके चलते करीब एक सप्ताह तक क्षेत्र में अंधेरा छाया रहा। उसके बाद पिछले वर्ष 14 फरवरी को लाइन टूटी। अब इस वर्ष भी बर्फबारी से लाइन टूटने का सिलसिला जारी है। पहले 17 जनवरी को फिर पांच फरवरी को लाइन टूट गई। लाइन कैसे टूट रही है, इसका पुख्ता जवाब विद्युत बोर्ड के पास भी नहीं है। 66 केवी ट्रांसमिशन लाइनों को जोड़ने का कार्य विद्युत बोर्ड का ट्रांसमिशन विंग करता है। बार-बार टूट रही ट्रांसमिशन लाइन ने बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पांच दिन से क्षेत्र में अंधेरा छाया हुआ है। इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
विद्युत बोर्ड के ट्रांसमिशन विंग के अधीक्षण अभियंता विपन पाल सिंह ने बताया कि भारी बर्फबारी के कारण लाइनें टूट रही हैं। सुंगरी में बर्फबारी से कई बार पेड़ गिरकर लाइनों को तोड़ देते हैं। 66 केवी लाइन को जोड़ने के लिए टीम भेज दी गई है। दावा किया कि शीघ्र बिजली बहाल कर दी जाएगी।

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