राणा पर सरकार मेहरबान, हार के बावजूद बने चेयरमैन

शिमला

राणा को बनाया आपदा प्रबंधन का चेयरमैन

राणा को बनाया आपदा प्रबंधन का चेयरमैन

लोकसभा चुनावों में हार के बाद सत्ता और संगठन का संतुलन साधने की जुगत में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोमवार को बोर्ड-निगमों में 5 पद बांट दिए।

इनमें हमीरपुर सीट से चुनाव हारने वाले राजेंद्र राणा को डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरटी का चेयरमैन बनाया गया है। राणा कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे थे लेकिन उन्हें भाजपा उम्मीदवार व पूर्व सांसद अनुराग ठाकुर के खिलाफ बड़ी हार का सामना करना पड़ा।

राजेंद्र राणा सुजानपुर से सुजानपुर के पूर्व विधायक भी हैं। लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए राणा ने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। इस पर उनकी पत्‍नी अनिता राणा ने अपनी किस्मत आजमाई लेकिन मोदी लहर में वे भी अपनी सीट नहीं बचा पाई।

मनकोटिया और हर्षवर्धन को भी बड़ी जिम्मेदारी

मनकोटिया और हर्षवर्धन को भी बड़ी जिम्मेदारी

राजेंद्र राणा के अलावा पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मनकोटिया को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। सरकार ने उन्हें चेयरमैन टूरिज्म डेवलपमेंट काउंसिल नियुक्‍त किया है।

उनके अलावा पूर्व विधायक हर्षवर्धन चौहान को रिसोर्स मोबलाइजेशन एंड इंप्लायमेंट जनरेशन कमेटी का चेयरमैन बनाया है। कसौली की चेवा पंचायत के प्रधान एवं पीसी सदस्य रमेश चौहान को चेयरमैन, हिमाचल प्रदेश खादी बोर्ड और पीसीसी महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू को मेंबर, एजूकेशन रेगुलेटरी कमीशन बनाया गया है।

मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में खाली पदों को भरने के तहत यह कदम उठाया गया है। इन सभी नियुक्तियों के आदेश संबंधित विभाग करेंगे।

पी मित्रा होंगे सरकार के मुख्य सचिव

पी मित्रा होंगे सरकार के मुख्य सचिव

सरकार ने कार्यवाहक मुख्य सचिव पी. मित्रा को मुख्य सचिव बनाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी ने मित्रा पर कुछ आरोप लगाए थे।

इनकी क्लीयरेंस लेने के बाद आदेश होंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान मुख्य सचिव सुदृप्तो राय को राज्य सरकार का एडवाइजर बनाया जा रहा है। वह ब्रेन हेमरेज के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं।

डीजीपी संजय कुमार को भी सरकार रेगुलर करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने हालांकि अभी बडे़ स्तर पर प्रशासनिक तबादलों की संभावना को खारिज कर दिया।

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