शिमला
– संदीप धवल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
खरीद के बिल संबंधी दस्तावेज जांच टीम ने कब्जे में लिए हैं। सीवरेज पाइप की गुणवत्ता जांचने के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन यूनिट अब फोरेंसिक लैब का सहारा ले रही है।
जिंदल कंपनी की पाइप और इस कथित पाइप के सैंपल लेकर मिलान के लिए भेजे जा रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। हालांकि जिंदल कंपनी इन पाइपों को सही नहीं मान रही है। किसी बड़े गड़बड़झाले का अंदेशा जता रही है।
ये लगे हैं आरोप
आरोप है कि शिमला शहर के उपनगरों में सीवरेज लाइन के लिए बिछाई गई पाइपें घटिया क्वालिटी की हैं। यह पाइपें कंपनी जिंदल सा लिमिटेड की ही हैं लेकिन तय मापदंडों के अनुरूप नहीं बन पाईं। लिहाजा कंपनी ने इन्हें कबाड़ में बेच दिया। वहां से इन पाइपों की खरीद हुई और रंग रोगन कर नई पाइपें बताई गईं।
इन पाइपों में मार्का भी जिंदल कंपनी का है। पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ थाना सदर में आईपीसी की धारा 420 और 379 के तहत एफआईआर दर्ज की है। जिंदल सा लिमिटेड के एजीएम (मार्केटिंग) विक्रम अरोड़ा की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज में कहा गया है कि वे सात मार्च को शिमला आए।
यहां देखा कि तारादेवी, घोड़ा चौकी और विकासनगर में लोहे की पाइपें बिछाई जा रही हैं। इन लोहे की पाइपों में मार्का उनकी कंपनी का लगा हुआ है जो पूरी तरह से फर्जी प्रतीत होता है। कंपनी का मानना है कि पूरे प्रदेश में पानी और सीवरेज के बड़े बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं।