रह रहे नगर परिषद में, सुविधाएं गांव जैसी भी नहीं

रामपुर बुशहर(संदीप वर्मा)रामपुर नगर परिषद के सभी वार्डों की तरह वार्ड नंबर सात में भी कई समस्याओं का अंबार है। लोगों का कहना है कि रह तो नगर परिषद एरिया में रहे हैं, लेकिन सुविधाएं गांव जैसी भी नहीं हैं। नप को उनकी याद सिर्फ टैक्स वसूलने और वोट लेने के समय ही आती है, सुविधा के नाम पर यहां पर कुछ भी नहीं है। वार्ड का कुछ हिस्सा सड़क से न जुड़ने के कारण लोगों आपात स्थिति में मरीज को पीठ पर ले जाना पड़ता है, वहीं लोगों रोजमर्रा का सामान और गैस सिलेंडर लाने के लिए भी 100 से 150 रुपये चुकाने पड़ते हैं। वहीं स्ट्रीट लाइटें भी खराब पड़ी हैं।
चाहे यह वार्ड एनएच पर स्थित है, लेकिन बावजूद इसके वर्षों से एंबुलेंस रोड के नाम पर राजनीति हो रही है। चाहे सफाई हो या बिजली की व्यवस्था, रास्ता हो या स्विच यार्ड से लेकर बुशहर रिजेंसी तक ऊपरी पहाड़ी से पत्थरों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि अधिकांश शहरवासी सुबह और शाम की सैर के लिए वार्ड नंबर सात की ओर निकलते हैं। पत्थर गिरने के चलते कई बार यहां लोग जख्मी हो चुके हैं और दर्जनों गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, लेकिन वार्ड के पार्षद और नगर परिषद इसका हल समस्या को हल करने में नाकाम साबित हुआ है। वहीं इस मुद्दे को प्रशासन और सरकार के समक्ष उठाने में भी असफल रही है। नप के पूर्व अध्यक्ष जिया लाल का कहना है कि नप को वार्ड में सड़क का निर्माण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए, क्योंकि सड़क न होने से 108 एंबुलेंस भी वार्ड में नहीं पहुंच पाती है वहीं यदि किसी ने मकान का निर्माण करना हो या रोजमर्रा का सामान लाना हो तो उसके लिए मनमाने दाम चुकाने पड़ते है।
वार्ड वासी अमर नाथ, जीएस महाजन, चेत राम, बृज लाल, सुनील, लीला, रुचि, ज्योति, रामकृष्ण, अमित देष्टा, अनिल भलूनी, राजीव ठाकुर महेंद्र, पिंकी और संधीरा का कहना है कि इस वार्ड में रास्ते की हालत अन्य वार्डों से गई गुजरी हुई है। सड़क न होने से मरीज को पीठ में उठाकर सड़क पर लाना पड़ता है। वहीं लोगों को एनएच से अपर ल्हासा तक सड़क की सुविधा न होने से गैस सिलेंडर लाने और ले जाने में 100 से लेकर 150 रुपये मजदूरी देनी पड़ रही है। वहीं सतलुज कैफे से ऊपर की ओर जाने वाली रास्ते की हालत खस्ताहाल है। इन रास्तों में स्ट्रीट लाइटाें की व्यवस्था न होने से अंधेरे में घर की ओर जाते समय पैर फिसलकर किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है। वहीं, रास्तों में रेलिंग न होने से कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं उन्होंने नप के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने नगर परिषद से मांग की है कि इन रास्तों में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था की जाए। कुछ माह पूर्व वार्ड के सहकारिता विभाग के भवन पर भी भारी चट्टाने गिरने से भवन क्षतिग्रस्त हो गया था।

क्या कहते हैं वार्ड सात के पार्षद
वार्ड नंबर सात के पार्षद राजकुमार का कहना है कि सफाई व्यवस्था सही है। अन्य समस्याओं में नगर परिषद का सहयोग न मिलने से विकास कार्य ठप पड़े हैं। कई बार नगर परिषद को बैठक में रास्तों में स्ट्रीट लाइटाें और एंबुलेंस सड़क की समस्याओं से अवगत करवाया गया, लेकिन नगर परिषद इन समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है।

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