रजिस्ट्री के लिए अब एनओसी हुई जरूरी, हाईकोर्ट में जवाब देने के बाद फैसला लागू

रजिस्ट्री के लिए अब एनओसी हुई जरूरी, हाईकोर्ट में जवाब देने के बाद फैसला लागू

चंडीगढ़
पंजाब में रजिस्ट्री पर एनओसी की बाध्यता खत्म करने के फैसले पर पंजाब सरकार बैकफुट पर आ गई है। मामला पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचने के बाद सरकार ने अब रजिस्ट्री में एनओसी को जरूरी कर दिया है। सरकार ने यह फैसला लागू कर दिया है। अब प्रदेश में अवैध कॉलोनियों की बढ़ती संख्या पर विराम लग जाएगा।

पंजाब में अवैध कॉलोनियों की बिना एनओसी के रजिस्ट्री किए जाने की अनुमति वाली पंजाब सरकार की 12 दिसंबर 2019 की नोटिफिकेशन को जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा तो सरकार की ओर से कहा गया कि यह नोटिफिकेशन कानून विभाग के परामर्श से ही जारी की गई है। अगर इस पर आपत्ति है तो सरकार फिलहाल इस नोटिफिकेशन पर अपनी ओर से तब तक रोक लगाने को तैयार है, जब तक कि याचिकाकर्ता द्वारा दी गई शिकायत पर दोबारा गौर नहीं कर लिया जाता। पंजाब सरकार के इस बात पर विश्वास दिलाने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर जल्द से जल्द उचित निर्णय लिए जाने के आदेश दे दिए थे। 

अब पंजाब सरकार ने न्यायालय में दिए गए जवाब के बाद रजिस्ट्री में एनओसी की बाध्यता को फिर से लागू कर दिया है। इसके निर्देश सरकार की ओर से सभी जिलों के डीसी को जारी कर दिए गए हैं। जिसके बाद से प्रदेश भर में अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्रियां पूरी तरह से बंद हो गई हैं।

2014 में जारी किए थे निर्देश
2014 और 2018 में पंजाब सरकार ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत अवैध कॉलोनियों को रजिस्टर करने के निर्देश जारी किए थे। यह तय किया गया था कि सब-रजिस्ट्रार ऐसे किसी प्रॉपर्टी की सेल डीड नहीं करेंगे जो रजिस्टर नहीं होगी या जिसकी एनओसी नहीं होगी। 12 दिसंबर, 2019 को सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर एनओसी की बाध्यता भी हटा दी। 

पेचीदा प्रक्रिया है एनओसी
सरकार के इस फैसले के बाद अब अवैध कॉलोनियों में जमीन की खरीद फरोख्त के लिए जरूरी रजिस्ट्री के लिए पहले नगर निगम अथवा पुडा, जेडीए (अधिकार क्षेत्र मुताबिक) से एनओसी प्राप्त करनी है। जानकारों के अनुसार एनओसी लेने की पेचीदा प्रक्रिया है। जिसको पूरा करने के लिए कई विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है।

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