हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के बाद दुश्वारियां कम नहीं हो पाई हैं। हजारों गांवों में बिजली-पानी के लिए हाहाकार है। कई क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है। वहीं, शिमला जिले में रामपुर के समीप नोगली में भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए नेशनल हाईवे-5 पर अनियंत्रित होकर एक कार सतलुज नदी में जा गिरी। कार में सवार चार लोग नदी में लापता बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम करीब 4:00 बजे भूस्खलन के चलते हाईवे का करीब 30 मीटर हिस्सा धंस गया था।
चंद्रताल में फंसे 300 लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान तेज कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को बर्फ से लकदक चंद्रताल झील का हवाई सर्वेक्षण किया। चंद्रताल में 300 लोग फंसे हुए हैं। आज शाम तक बचाव दल ने चंद्रताल पहुंचने का लक्ष्य रखा है ताकि लोगों को जल्द सुरक्षित निकाला जा सके।
भारी बारिश से किन्नौर जिले के सांगला बाजार में बुधवार दोपहर बड़ी मात्रा में मलबा आ गया। इससे व्यापक नुकसान की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि भारी बारिश से अचानक बाढ़ जैसे हालात हो गए और ऊपर की तरफ से बड़ी मात्रा मलबा सांगला बाजार में पहुंच गया। कई गाड़ियां भी मलबे में दब गईं। क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति व संचार सेवाएं ठप होने से लोग एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
राज्य में 873 सड़कें बंद
जगह-जगह भूस्खलन से प्रदेश में बुधवार सुबह 10:00 बजे तक 873 सड़कें बंद थीं। इनमें से शिमला में सबसे ज्यादा 350, मंडी 100, सिरमौर 109, सोलन 83, लाहौल-स्पीति 97, चंबा 78 और किन्नौर में 36 सड़कें यातायात के लिए ठप हैं। प्रदेश में बरसात से 1956 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हुए हैं। चंबा में 129, किन्नौर 128, लाहौल-स्पीति 206, मंडी 156, शिमला 380, सिरमौर 328 और सोलन में 619 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं।