माल रोड़ में वाहनों पर लगे प्रतिबंध

सोलन। पुलिस की क्राइम बैठक में यातायात व्यवस्था पर विचार हुआ। ट्रैफिक की विकराल समस्या के निजात पर विकल्प तलाशे गए। राजधानी शिमला के माल रोड की तर्ज पर सोलन माल रोड में वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का विकल्प भी सामने आया।
हालांकि सोलन के माल रोड में वाहनों की नो एंट्री पर पहले भी प्रयास होते रहे हैं। जमीनी स्तर पर यह कोशिशें नाकाम रही हैं। चंद लोगों के विरोध ने बेहतर विकल्प को पूरा नहीं दिया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक स्थानीय प्रशासन और आम लोगों की सहभागिता से ही यह संभव हो सकता है। अगर सोलन माल रोड पर वाहनों पर पूरा दिन प्रतिबंध लगता है तो सोलन की खूबसूरती में चार चांद लगेंगे। ट्रैफिक व्यवस्था काफी हद तक सुधरेगी। वर्तमान में सोलन मालरोड़ पर शाम साढ़े पांच से आठ बजे तक वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित है।
बैठक में दुकानों के आगे अतिक्रमण या रेहड़ी-फड़ी बैठाकर राहगीरों के लिए मुश्किल खड़ी करने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश हुए हैं। इसमें गंज बाजार और लक्कड़ बाजार निशाने पर रहा है। इन स्थानों के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश जारी हुए हैं। बैठक एसपी सोलन पीके ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

कहां पार्क करेंगे गाड़ियां
माल रोड पर यदि प्रतिबंध लगता है तो पार्किंग की समस्या रहेगी। ऐसे में राजगढ़ रोड पर नगर परिषद की पार्किंग में अन्यथा सपरुण या पुलिस चौकी के पास गाड़ियां पार्क होने की व्यवस्था है। इसके अलावा पार्किंग के अन्य विकल्प ढूंढे जाने की जरूरत है। केवल शहर के ही 20 हजार वाहनों के लिए 500 वाहन पार्क करने की व्यवस्था है।

गुड सोलन पुलिस
पिछले वर्ष की तुलना में सोलन जिला में क्राइम पर नकेल कसने का कम वेरी गुड रहा है। हालांकि छेड़छाड़ के मामले और अवैध शराब का गोरखधंधा बढ़ा है। करीब 200 आपराधिक मामले कम दर्ज किए गए हैं। पुलिस का दावा है कि अपराध में कमी बेहतर कानून व्यवस्था से आई है। कठिन परिस्थितियों में कार्य करने की वजह से यह संभव हुआ है। बैठक में एएसपी विनोद कुमार, डीएसपी शिव कुमार और डीएसपी अशोक वर्मा मौजूद रहे।

16 फीसदी पेंडेंसी!
सोलन। आपराधिक मामलों में पेंडेंसी मात्र सोलह फीसदी बताई गई है। बैठक के दौरान वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले लंबित मामलों के निपटारे के निर्देश दिए गए। पेंडेंसी रेट 10 फीसदी तक पहुंचाने की कोशिश पर जोर दिया गया।

चारी में रिकवरी कम
बेशक आपराधिक मामलों में पेंडेंसी कम है, लेकिन चोरी माल की रिकवरी कम ही हुई है। 2011 में करीब 94 लाख 78 की संपत्ति चोरी हुई है। रिकवरी करीब 32 लाख 38 हजार की हुई है। वहीं चोरी के बड़े मामले अनट्रेस चल रहे हैं। जिसमें मुरारी मार्केट में चोरी भी एक है।

नाकाबंदी बनाएं प्रभावी
बैठक में डीएसपी, थाना और पुलिस प्रभारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए गए कि अपने अपने क्षेत्र में रात्रि गश्त और नाकाबंदी को प्रभावी रूप से जारी रखा जाए। जिससे चोरी और सेंधमारी के मामलों में अधिक सफलता हासिल करके अंकुश लगाया जा सके।

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