मांगें नहीं मानी तो करेंगे अधिकारियों का घेराव

बिलासपुर। बिरोजा व तारपीन कारखाने में मजदूराें के शोषण का आरोप लगाते हुए कारखाना वर्कर यूनियन ने आंदोलन की चेतावनी दी है। यूनियन का कहना है कि चार महीने पहले सौंपे गए मांग पत्र पर अभी तक कोई गौर नहीं किया गया है। लिहाजा, अब वह आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। अब भी अगर मांगे नहीं मानी गई तो वे अधिकारियों को घेराव करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस सिलसिले में यूनियन की अहम बैठक प्रधान बाबू राम चौधरी की अध्यक्षता में हुई। इसमें आंदोलन की रणनीति बनाई गई।
बैठक में प्रधान ने कहा कि यूनियन ने 10 अप्रैल को बीस सूत्रीय मांग पत्र बिरोजा फैक्टरी महाप्रबंधक को सौंपा था। इसमें 4-9-14 वेतन वृद्धि, अनुबंध कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर नियुक्त करना, फैक्टरी कर्मचारियों को बोनस देना, छुट्टियों को जल्द बहाल करना, कर्मचारियों को 25 प्रतिशत कोटा देना, खतरा भत्ता देने, दीवाली का बोनस 2500 रुपये करने, शौचालय की व्यवस्था करने, रिक्त पड़े पदों को भरने, रात को काम करने वाले कर्मचारियों को रात्रि भत्ता देने जैसी कई समस्याओं को उठाया गया था। चार महीने बीतने के बाद भी इस मांग पत्र पर कोई चरचा नहीं की गई है। बाबू राम ने आरोप लगाया है कि कर्मचारियों की मांगों को कारखाना प्रबंधन दरकिनार कर रहा है। फैक्टरी के अंदर श्रम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसके चलते श्रमिकों में दिन-प्रतिदिन रोष पैदा होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर श्रमिकों का शोषण नहीं रुका तो इसके खिलाफ जल्द ही मुख्यमंत्री, मानव अधिकार आयोग दिल्ली को इन सभी तथ्यों सहित शिकायत की जाएगी। वहीं, मांगे पूरी नहीं करने पर अधिकारियों का घेराव किया जाएगा। बैठक में यूनियन के महासचिव जिगरी राम, नरेश कुमार, जगदीश राम, संसार चंद, अनूप कुमार, नंद लाल चौधरी, संजीव कुमार, सह सचिव मोला दत्त, सुरिंद्र कुमार, कमलेश कुमार, अशोक कुमार सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

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