महंगाई में वृद्धि पर कोई मरहम नहीं

धर्मशाला। केंद्र की यूपीए सरकार का आम बजट लोगों के लिए कुछ खास राहत लेकर नहीं आया है। देश में जिस तेजी से महंगाई दर बढ़ी है, उस लिहाज से इस बजट में कोई विशेष राहत की घोषणा नहीं हुई है। सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं है, जबकि मोबाइल फोन, टीवी का आयातित सेट टॉप बाक्स और मार्बल महंगा हो गया। हालांकि कपड़े तथा जूते समेत अन्य घरेलू सामान सस्ता करने की घोषणा है। लोगों ने आम बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वहीं अधिकतर लोग बजट को निराशाजनक बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस बजट में कोई नई बात नहीं है। वहीं देश में बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं हुई। वीरेंद्र परमार ने अनुसार केंद्र सरकार के आम बजट में कोई नई चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में हर वर्ग महंगाई की मार झेल रहा है। ऐसे में बजट में कोई राहत की घोषणा नहीं हुई है। वहीं, जिला परिषद कांगड़ा की अध्यक्ष श्रेष्ठा कौंडल का कहना है कि केंद्र सरकार के बजट में महिलाओं के उत्थान के लिए की गई घोषणाएं ठीक हैं, लेकिन समाज के अन्य वर्गों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। कर्मचारी परिसंघ के प्रदेश महासचिव संजय कपूर ने कहा कि केंद्र सरकार के आम बजट में कर्मचारी वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि आयकर स्लैब को ढाई लाख से उपर करना चाहिए था, लेकिन 2-5 लाख की आय पर महज दो हजार रुपये की छूट नाकाफी है। व्यापार मंडल धर्मशाला के कोषाध्यक्ष रविंद्र गुप्ता ने कहा कि आम बजट में किसानों, कर्मचारियों, वेतन भोगियों और व्यापारियों के लिए कुछ भी नहीं है। इससे हर वर्ग को निराशा ही हाथ लगी है। आम बजट लोक लुभावना होना चाहिए था। रितु गौतम ने कहा कि केंद्र के आम बजट में युवाओं का कौशल विकसित करने के लिए विशेष पैकेज और महिलाओं के लिए निर्भय फंड तथा होम लोन पर अतिरिक्त टैक्स की छूट जैसी अनके कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बजट में महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए भी घोषणा होनी चाहिए थी। उधर वरिष्ठ अधिवक्ता अजय सिपहिया ने कहा कि केंद्र सरकार के आम बजट में समाज के निर्धन तथा मध्यमवर्ग के लिए कुछ भी नहीं दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को बढ़ती महंगाई को देखकर आम बजट पेश करना चाहिए था।

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