भारत आने के लिए नेपाल के झूला पुल गेट पर भीड़, पुलिस ने भांजी लाठियां

भारत आने के लिए नेपाल के झूला पुल गेट पर भीड़ पुलिस ने भांजी लाठियां

धारचूला (पिथौरागढ़)

नेपाल पुलिस ने पेंशन लेने और खरीदारी के लिए भारत आ रहे अपने ही देश के लोगों पर लाठियां भांज दीं। जब भारत आए ये लोग वापस नेपाल जाने लगे तो झूलापुल के गेट बंद कर दिए। लगभग 50 से अधिक लोग छह घंटे तक झूलापुल पर फंसे रहे। सूचना पर धारचूला के एसडीएम ने दार्चुला प्रशासन से बात की, तब जाकर पुल के गेट खोले गए।

दोनों देशों की सहमति के बाद तीसरे दिन शुक्रवार को भी भारत से पेंशन लेने वाले नेपाल निवासियों के लिए धारचूला और जौलजीबी के झूलापुल खोले गए। शुक्रवार सुबह नौ बजे जैसे ही दार्चुला (नेपाल) की ओर से पुल खुला तो लोगों में पहले भारत की ओर आने के लिए धक्का-मुक्की शुरू हो गई। नेपाल पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठियां भांज दीं। इस दौरान कुछ लोग चोटिल हो गए।

नेपाल से पेंशनरों के साथ ही बड़ी संख्या में लोग रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए धारचूला बाजार पहुंचे। जब सुबह 11 बजे लोग सामान लेकर नेपाल जाने लगे तो नेपाल पुलिस ने अधिक सामान देखकर अपने ही लोगों के लिए झूला पुल के गेट बंद कर दिए। सुबह 11 बजे से दिन में दो बजे तक मिन्नतें कर रहे 50 लोगों के लिए गेट नहीं खोले गए। इसी दौरान पुल के बंद होने का समय पूरा होते ही एसएसबी ने भारत के गेट भी बंद कर दिए। इससे सभी नेपाली नागरिक पुल में ही फंसे रह गए।

सामान के साथ लोगों के पुल में फंसे होने की सूचना मिलने पर एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने दार्चुला प्रशासन से बात की। इसके बाद शाम पांच बजे पुल खोला गया। गेट खुलने के बाद फंसे नेपाली नागरिक अपने देश लौट सके। पुल पर फंसने वालों में दार्चुला व्यापार मंडल अध्यक्ष मंगल सिंह ठगुन्ना सहित नेपाल के कुछ मीडिया कर्मी भी शामिल थे।

नेपाल पुलिस की ओर से मनमाने ढंग से गेट बंद करने से नेपाली नागरिकों में जबरदस्त गुस्सा है। ठगुन्ना ने इस मामले को दार्चुला के सीडीओ के समक्ष उठाने की बात कही है। भारत चीन व्यापार के अध्यक्ष दिनेश गुंज्याल, व्यापार मंडल जिला उपाध्यक्ष हरीश गुंज्याल ने भी नेपाल पुलिस की इस हरकत की निंदा की है। झूला पुल खुलने पर नेपाल के 140 भारतीय पेंशनरों ने तीन दिन में 90 लाख रुपये की राशि निकाली।

शुक्रवार को 400 लोगों ने धारचूला और 100 लोगों ने जौलजीबी पुल से आवाजाही की।  तीन दिनों में दोनों पुलों से कुल 1250 लोगों ने भारत-नेपाल के बीच आवागमन किया। जौलजीबी में 55वीं वाहिनी एसएसबी के संतोष लाल, कंपनी कमांडर एसआई मदन सिंह धामी और धारचूला में 11वीं वाहिनी के कश्मीर सिंह के नेतृत्व में सुरक्षा व्यवस्था की गई।

 

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