भाजपा हाईकमान ने उत्तराखंड में कौन होगा अगला सीएम पर सस्पेंस रखा बरकरार , क्या है धामी की शाह से मुलाकात के मायने?

भाजपा हाईकमान ने उत्तराखंड में कौन होगा अगला सीएम पर सस्पेंस रखा बरकरार , क्या है धामी की शाह से मुलाकात के मायने?

देहरादून।
पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। उनके साथ राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी भी थे। निर्वाचन के बाद कुछ वरिष्ठ विधायकों के दिल में सीएम बनने की इच्छाएं जोर मार रही हैं, तो कुछ की मंत्री बनने की तमन्ना है। उधर, कौशिक भी केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी के साथ बीएल संतोष से मिले।

उत्तराखंड के कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। उनके साथ राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी भी थे। शाह से भेंट करने से पहले धामी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से भी मिले। इस दौरान उत्तराखंड के विषय में हुई बैठक में चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा हुई। हालांकि सबकी निगाहें सीएम के चेहरे को लेकर केंद्रीय नेतृत्व पर लगी हैं।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि अभी केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड में सरकार के गठन, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को लेकर पत्ते नहीं खोले। इस कारण मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। दिल्ली पहुंचे कार्यवाहक मुख्यमंत्री धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की। धामी पहले नड्डा, फिर बीएल संतोष और उसके अनिल बलूनी को उनके आवास पर मिले। बलूनी के साथ संसद पहुंचे जहां उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। दिग्गज नेताओं के बीच क्या मंत्रणा हुई, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। उधर, कौशिक भी केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी के साथ बीएल संतोष से मिले।

नड्डा ने की चुनाव की समीक्षा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री धामी, प्रदेश अध्यक्ष कौशिक और प्रदेश महामंत्री अजेय कुमार के साथ उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में प्रबंधन और रणनीति की समीक्षा की। संगठन और सरकार की ओर से कौशिक और धामी ने अपने-अपने फीड बैक दिए।

चुनाव क्षेत्र के बजाय विधायकों ने दिल्ली दौड़ लगाई
नई सरकार के गठन की संभावना के चलते भाजपा के कई विधायक देहरादून पहुंचे थे। लेकिन संगठन की ओर से उन्हें अपने चुनाव क्षेत्र लौट जाने और होली पर्व के बाद दून लौटने के निर्देश हुए। लेकिन ज्यादातर विधायकों ने दिल्ली की दौड़ लगाई। मंगलवार को पार्टी के कई विधायक दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात करने में जुटे थे।
इन विधायकों के दिल्ली में जमे होने की चर्चा
सियासी हलकों में चर्चा रही कि धामी, कौशिक के अलावा कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय, बिशन सिंह चुफाल, रेखा आर्य, सुबोध उनियाल समेत कई विधायक दिल्ली में जमे रहे। दो दिन पहले कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की। विधायक मुन्ना सिंह चौहान, उमेश शर्मा काऊ व प्रमोद नैनवाल भी भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय केंद्रीय नेताओं से मिलने पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल व विधायक ऋतु खंडूड़ी पहले ही दिल्ली पहुंच गई थीं।

बलूनी के आवास पर भी पहुंचते रहे विधायक
भाजपा के कई विधायक राज्यसभा सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी के आवास पर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने बलूनी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच मंत्रणा भी हुई। कुछ और विधायक बलूनी से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे लेकिन वह सत्र में शामिल होने के लिए जा चुके थे। बलूनी से प्रेमचंद अग्रवाल, अरविंद पांडे, उमेश शर्मा काऊ, रेखा आर्य, मुन्ना सिंह चौहान, निर्दलीय उम्मीदवार संजय डोभाल, प्रमोद नैनवाल समेत कई विधायकों ने मुलाकात की।
किसी की सीएम तो किसी की मंत्री बनने की तमन्ना
निर्वाचन के बाद कुछ वरिष्ठ विधायकों के दिल में सीएम बनने की इच्छाएं जोर मार रही हैं, तो कुछ की मंत्री बनने की तमन्ना है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय नेताओं को शुभकामनाएं देने के बहाने वे दिल्ली में अपने पक्ष में वातावरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

रेखा आर्य ने भी ठोका दावा, सूची लंबी हुई
दिल्ली पहुंचकर कार्यवाहक मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि चुनाव जीतकर आए पार्टी के सभी 47 विधायक दावेदार हैं। राजनीति में महत्वाकांक्षा पालना बुरी बात नहीं। उसके लिए प्रयास करना भी बुरी बात नहीं है। अंतिम फैसला शीर्ष नेतृत्व को होता है। हम सभी शीर्ष नेतृत्व के साथ खड़े हैं। चाहे वह महिला नेतृत्व के रूप में हो या पुरुष नेतृत्व के रूप में। यानी सीएम पद दौड़ में शामिल दावेदारों की सूची में धामी, कौशिक, महाराज, धनसिंह रावत, ऋतु खंडूड़ी, गणेश जोशी के बाद रेखा आर्य का नाम भी जुड़ गया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ चुनावी राज्यों के संगठन के साथ बैठक हुई। इसी क्रम में उत्तराखंड की बैठक हुई। चुनाव के बाद जो भी प्रबंधन और रणनीति रही, उसकी समीक्षा हुई। यह एक रुटीन बैठक थी। यह मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कोई बैठक नहीं थी।- पुष्कर सिंह धामी, कार्यवाहक मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

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