ब्लाइंड बुजुर्ग मरीज पर भी नहीं पसीजा पीजीआई

चंडीगढ़। अनुपमा की मौत से पीजीआई पर लगे दाग अभी धुले भी नहीं थे कि यहां के चिकित्सकों की एक और संवेदनहीनता का मामला सामने आ गया। ऊना के बुजुर्ग ब्लाइंड पति-पत्नी पीजीआई के एडवांस ट्रामा सेंटर में सर्जरी के लिए करीब नौ दिनों से धक्के खा रहे हैं, लेकिन इस असहाय मरीज की अब तक सर्जरी नहीं हो पाई। मरीज से करीब हफ्ताभर पहले सर्जरी का सामान भी मंगवाया जा चुका है और कई बार तारीख भी दी जा चुकी है, लेकिन डाक्टरों को सर्जरी करने तक का समय नहीं मिला। ऐसे में ब्लाइंड बुजुर्ग दंपति के लिए खरीदे गए सर्जरी के सामान की सुरक्षा करना भी मुश्किल हो रहा है।
सर्जरी के नाम पर पांच बार भूखा रखा
ऊना निवासी ब्लाइंड हरिकृष्ण अपनी ब्लाइंड पत्नी शोभनम को 28 मार्च को पीजीआई के एडवांस ट्रामा सेंटर में लेकर आए थे। हरिकृष्ण ने बताया कि उनकी पत्नी का पिछले महीने एक्सीडेंट हो गया था और उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। पीजीआई के ट्रामा सेंटर में लाने पर उन्हें बताया गया कि मरीज के पैरों में रॉड डाली जाएगी। चिकित्सकों ने 30 मार्च को सर्जरी करने की बात कहकर उनसे सामान भी मंगवा लिया। सर्जरी करने के नाम पर तब से लेकर पांच अप्रैल तक चिकित्सकों ने उनकी पत्नी को कम से कम पांच बार भूखा रखा, लेकिन सर्जरी नहीं की। चिकित्सकों से लाख मिन्नतें की, ब्लाइंड दंपति होने का हवाला भी दिया, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। उनके परिवार में भी कोई नहीं है। करीबी रिश्तेदार ही मदद के लिए पीजीआई आए हैं। उन्हें तो दिखता भी नहीं और डॉक्टरों ने सर्जरी का सामान भी मंगवा लिया है। ऐसे में उस सामान की सुरक्षा भी एक बड़ी चिंता बन गई है।

दिनभर भूखा रखकर रात को कहते हैं, खाना खिला दो
हरिकृष्ण ने बताया कि शनिवार को फिर चिकित्सकों ने बताया कि सर्जरी होनी है, इसलिए खाना मत खिलाना। दिन गुजर गया, लेकिन सर्जरी नहीं हुई और रात को एक डॉक्टर ने कहा कि अब खाना खिला दो, सर्जरी नहीं होगी। ऐसा एक बार नहीं, कई बार हो चुका है।

कोट्स………….
यह मरीज मेरे अंडर में नहीं है। मैं पता करूंगा कि किन कारणों से ब्लाइंड मरीज की सर्जरी नहीं हो पा रही है।
– डा. समीर अग्रवाल, इंचार्ज, एडवांस ट्रामा सेंटर

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