बिलासपुर को नहीं मिली खास तवज्जो

बिलासपुर। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 के लिए प्रस्तुत बजट में बिलासपुर जिले को खास तवज्जो नहीं मिल पाई है। घुमारवीं में वेजिटेबल पैक हाउस के प्रस्ताव को छोड़ दें तो बाकी जिले को कुछ हाथ नहीं लग पाया है। यहां तक कि पूर्व में हुई कुछ घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने की दिशा में भी बजट में कुछ नहीं कहा गया है।
प्रदेश सरकार के बजट का लोगों को बेसब्री से इंतजार था, लेकिन बजट में बिलासपुर पर अपेक्षाओं के अनुरूप मेहरबानी नहीं हो पाई है। प्रस्तावित बजट में घुमारवीं में 4.35 करोड़ रुपये की लागत से वेजिटेबल पैक हाऊस खोलने की नई बात कही गई है। जहां तक जुखाला में मार्केट यार्ड का प्रस्ताव रखा गया है, तो पूर्व भाजपा सरकार के समय इसकी प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसके शिलान्यास की भी तैयारी थी, लेकिन स्थान को लेकर उपजे विवाद के कारण मसला अधर में लटक गया। ऐसे में मार्केट यार्ड के मामले में कोई नई बात नहीं है।
बजट में बिलासपुर के बंदला में प्रस्तावित हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज का जिक्र तक नहीं हुआ है, जबकि भाजपा कार्यकाल के दौरान सत्ता पक्ष व विपक्ष इस मुद्दे पर एक-दूसरे को घेरते रहे हैं। कांग्रेस ने अपने पिछले कार्यकाल में गोबिंद सागर पर बैरीदड़ोलां पुल का शिलान्यास किया था। भाजपा कार्यकाल में कांग्रेस इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाती रही। इस बजट में स्वयं कांग्रेस सरकार ने भी बैरीदड़ोलां पुल के लिए कुछ नहीं कहा है। कॉफी उत्पादन की संभावनाएं तलाशने तथा टोबा से नयनादेवी व शाहतलाई से दियोटसिद्ध तक रोप-वे के निर्माण के प्रस्ताव को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं, यह आने वाले समय में ही पता चलेगा।

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