बिजली दरें न बढ़ाए सरकार

बद्दी (सोलन)। लघु उद्योगों ने प्रदेश सरकार के गठित राज्य विद्युत नियामक आयोग से छोटे कारखानों की बिजली दरें न बढ़ाने बारे अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई हैं। लघु उद्योग भारती हिमाचल इकाई की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संगठन की विद्युत समिति के चेयरमैन अमीर सिंह अरोड़ा ने कहा कि राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से प्रस्तावित बिजली बढ़ोतरी बारे मांगी गई आपत्तियों बारे विस्तार से चर्चा हुई और उनको आयोग को भेजा गया।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों की श्रेणी 100 किलोवाट तक होनी चाहिए जबकि अभी तक लघु उद्योगों को 20 किलोवाट तक ही गिना जाता है। इसके अलावा एमएसएमई उद्योगों पर आईडीसी चार्जेस को समाप्त किया जाना चाहिए। छोटे उद्योग यह शुल्क दे नहीं पाते और कई तो लगने से पहले की दम तोड़ देते हैं।
प्रदेश अध्यक्ष तेजेंद्र गोयल ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के ऊपर से पीक लोड की शर्त को भी तत्काल हटाया जाए, जिससे यहां के उद्योग भी आर्थिक संकट से ने गुजरे। अगर हिमाचल में लघु उद्योगों को रोकना है तो वर्तमान बिजली दरों में बिल्कुल भी वृद्धि न की जाए। दून मंडल अध्यक्ष राजीव कंसल और कोषाध्यक्ष अमर शक्ति ने कहा कि अगर छोटे उद्योगों को सुविधाएं नहीं मिली तो उनका हिमाचल से मुंह मोड़ना स्वाभाविक है और उनको यहां रोकने का एकमात्र साधन बिजली ही है। इस आकर्षण को बनाए रखने के लिए बिजली बोर्ड को गंभीरता से प्रयास करने होंगे।
वहीं इस अवसर पर प्रदेश महासचिव एनपी कौशिक, कोषाध्यक्ष बलराम अग्रवाल, दून चैप्टर प्रधान राजीव कंसल, महामंत्री रणेश राणा, जितेंद्र दुआ, अनिल मलिक, डीके त्यागी, विक्रम बिंदल, पंकज गुप्ता, जगदीप अरोड़ा, मनोज शर्मा, नरेंद्र बिष्ट, अमर शक्ति, विनोद चौधरी सहित कई सदस्य मौजूद रहे।

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