बागीचे लगाने पर 75 फीसदी अनुदान

कुल्लू। जलवायु परिवर्तन के चलते निचले क्षेत्रों से खिसक रही सेब बेल्ट के कारण मायूस बागवानों के लिए बड़ी राहत है। इन इलाकों के बागवान अनार ही नहीं बल्कि अब स्ट्राबेरी और किवी की बागवानी भी कर सकेंगे। घाटी में हालांकि अनार के बगीचे बड़े पैमाने पर लगाए गए हैं। लेकिन फलदार पौधों के दो और विकल्प मिलने से बागवान अपनी कमाई को बढ़ा सकते हैं।
बागवानी महकमे ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है। उद्यान विभाग कुल्लू की तरफ से स्ट्राबेरी, अनार और किवी के बागीचे लगाने पर 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। यह लाभ विभाग राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) योजना के तहत बागवानों को दे रहा है। योजना का फायदा जिला के तमाम बागवान उठा सकते हैं।
विभाग को उम्मीद है कि इससे निचले और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में लोगों का रुझान बागवानी की तरफ बढ़ेगा। निचले क्षेत्रों में सेब की उत्पादन क्षमता करीब-करीब खत्म हो गई है। लिहाजा निचले और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अब स्ट्राबेरी, अनार और किवी का उत्पादन रोजगार का एक बढ़िया विकल्प बन सकता है। विभाग की इन फलदार पौधों पर 75 प्रतिशत अनुदान वाली योजना लोगों की तकदीर बदल सकती है। स्ट्राबेरी का पौधा उसी साल फल देना शुरू कर देता है। अनार तीन साल बाद तथा किवी पांच साल बाद फल देना शुरू करता है।

योजना का फायदा उठाएं बागवान : राणा
कुल्लू। उद्यान विभाग के उपनिदेशक बीसी राणा ने कहा कि विभाग बागवानों की खुलकर मदद कर रहा है। बागबानों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का फायदा उठाना चाहिए। योजना के तहत स्ट्राबेरी, अनार और किवी के पौधा रोपण पर 75 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।

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