बागवानों की मांगों को पूरा करने की घोषणा बजट में करे सरकार : हरीश चौहान

बागवानों की मांगों को पूरा करने की घोषणा बजट में करे सरकार : हरीश चौहान
शिमला

 मुख्यमंत्री किसानों-बागवानों की मांगों पर गंभीरता दिखाएंगे और आगामी बजट में मांगें पूरी करने की घोषणा करेंगे।

यह कहना है संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का

किसानों-बागवानों के मुद्दों को लेकर संघर्षरत संयुक्त किसान मंच ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को 20 सूत्रीय मांगपत्र भेजकर बजट में मांगें पूरी करने की घोषणा करने की अपील की है। मंच ने मुख्यमंत्री से मांगों पर चर्चा के लिए किसान बागवानों के साथ जल्द बैठक करने की भी मांग उठाई है। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने कहा कि पिछली सरकार ने मंच की मांगों की अनदेखी की।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंच के साथ बैठक में मांगें गंभीरता से तो सुनीं, लेकिन एक भी मांग पूरी नहीं की। संयुक्त किसान मंच के आंदोलन में मौजूदा सरकार के विधायकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी। कांग्रेस के घोषणा पत्र और गारंटियों में भी मुद्दों को जगह दी गई थी। मंच को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री किसानों-बागवानों की मांगों पर गंभीरता दिखाएंगे और आगामी बजट में मांगें पूरी करने की घोषणा करेंगे।

मांगपत्र में ये मांगें उठाईं 
फल, फूल, सब्जी के पैकिंग कार्टन पर जीएसटी खत्म कर कार्टन ट्रे की कीमतें घटाएं, एचपीएमसी, हिमफेड बागवानों के बकाया 90 करोड़ रुपये का तुरंत भुगतान हो, कश्मीर की तर्ज पर एमआईएस के तहत ए, बी, सी ग्रेड सेब क्रमश: 60, 44 और 24 रुपये प्रति किलो खरीदें, खाद, बीज, कीटनाशक व अन्य लागत वस्तुओं पर अनुदान बहाल कर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद उपलब्ध करवाएं, सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी कर इसे मुक्त व्यापार संधि से बाहर करें, बागवानी विकास के लिए बागवानी बोर्ड व आय आयोग का गठन करें, मंडियों में एपीएमसी कानून को सख्ती से लागू करें, बैरियरों पर ली जा रही मार्किट फीस वसूली पर रोक लगाकर शोघी बैरियर बंद करें।

प्रदेश की सभी मंडियों में सेब व अन्य फसलें वजन के हिसाब से बेची जाएं, आढ़तियों व खरीदारों के पास बकाया पैसों का तुरंत भुगतान करवाया जाए, कृषि व बागवानी सहायक उपकरणों स्प्रेयर, टिलर, एंटी हेल नेट पर लंबित अनुदान तुरंत दें, प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का सरकार उचित मुआवजा देने के लिए ठोस नीति बने, किसानों-बागवानों के ऋण माफ  किए जाएं, आधुनिक सुविधाओं से लैस विपणन मंडियां विकसित की जाएं, पुरानी मंडियों का आधुनिकीकरण हो।

सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर इसे कानूनी रूप से लागू करें, धान, गेहूं, मक्की की खरीद के लिए मंडियां स्थापित कर एमएसपी के तहत खरीद हो, निजी कंपनियों के सीए स्टोर में सेब खरीद के दाम तय करने व निगरानी को बागवानी विवि, बागवानी विभाग और बागवानों की कमेटी गठित हो, किसान सहकारी समितियों को सीए स्टोर बनाने के लिए सरकार 90 फीसदी अनुदान दे प्रदेश में सरकार भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून लागू करे, बढ़ती महंगाई पर रोक लगाई जाए तथा डीजल पर वैट में की गई वृद्धि वापिस ली जाए।

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