बरसात कम होने से गहरा गया बिजली संकट, उत्पादन में 60 फीसदी की गिरावट

बरसात कम होने से गहरा गया बिजली संकट, उत्पादन में 60 फीसदी की गिरावट

शिमला
हिमाचल में सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले ही बिजली उत्पादन में 60 फीसदी की गिरावट आ गई है। इस साल बरसात कम होने से बिजली संकट गहरा गया है। पड़ोसी राज्यों पंजाब और दिल्ली को गर्मियों में दी बिजली को हिमाचल ने वापस लेना शुरू कर दिया है। प्रदेश की अपनी बिजली परियोजनाओं में अभी 43 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। सामान्य तौर पर इन परियोजनाओं में 90 से 100 लाख यूनिट बिजली का रोजाना उत्पादन होता है।

प्रदेश में बिजली की डिमांड 280 लाख यूनिट रोजाना है। बिजली संकट को दूर रखने के लिए सेंट्रल सेक्टर और बैंकिंग की बिजली से जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। हिमाचल में मानसून सीजन में इस साल सामान्य से 26 फीसदी कम बादल बरसे हैं। बारिश कम होने से बिजली उत्पादन में कमी आना शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार की अपनी बिजली परियोजनाओं से रोजाना 43 लाख यूनिट बिजली उत्पादित हो रही है।
इन दिनों इनमें उत्पादन 40 फीसदी ही रह गया है। इस कमी को सेंट्रल सेक्टर से 140 लाख यूनिट और प्रदेश के स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों से 51 लाख यूनिट लेकर पूरा किया जा रहा है। स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों के साथ सरकार का अनुबंध हुआ है। इनकी बिजली को बोर्ड द्वारा नियामक आयोग से तय टेरिफ के आधार पर खरीदा जाता है। इसके अलावा पंजाब से रोजाना 27 लाख यूनिट और दिल्ली (बीआरपीएल) से 15 लाख यूनिट बिजली लेकर पूरा किया जा रहा है।
पंजाब और दिल्ली से गर्मियों में दी गई बिजली को वापस लिया जा रहा है। पड़ोसी राज्यों को अप्रैल से सितंबर तक दी गई बिजली को अक्तूबर से मार्च 2021 तक वापस लिया जाएगा। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि प्रदेश में अभी बिजली संकट जैसी स्थिति नहीं है। डिमांड को पूरा किया जा रहा है। आने वाले दिनों में अगर जरूरत पड़ी तो ओपन मार्केट के माध्यम से बिजली की खरीद भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी को भी बिजली की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अब ब्याज सहित बिजली वापस लेता है हिमाचल
पड़ोसी राज्यों को गर्मियों में बैंकिंग पर दी गई बिजली हिमाचल सर्दियों में ब्याज सहित वापस लेता है। बीते साल से इस व्यवस्था को शुरू किया गया है। इससे पहले जितनी बिजली दी जाती थी, उतनी ही वापस मिलती थी। उधार पर दी गई बिजली पर ब्याज लेने की व्यवस्था पिछले साल सरकार ने शुरू की थी। प्रदेश में गर्मियों के मौसम में बिजली की अधिक जरूरत भी नहीं होती।

ऐसे में हिमाचल ओपन टेंडर के माध्यम से बिजली लेने वाले राज्यों को अप्रैल में चुनता है। पहली मई से 30 सितंबर तक बिजली सप्लाई इन राज्यों को दी जाती है। सर्दियों के मौसम में हिमाचल में बिजलीउत्पादन घटना शुरू हो जाता है और प्रदेश में बिजली की मांग भी बढ़ जाती है। ऐसे में गर्मियों के दौरान पड़ोसी राज्यों को दी गई बिजली 20 अक्तूबर से वापस लेना शुरू किया गया है।

बिजली की मांग : 280 लाख यूनिट रोजाना
प्रदेश की अपनी परियोजनाओं में उत्पादन : 43 लाख यूनिट
स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों से की जा रही खरीद : 51 लाख यूनिट
सेंट्रल सेक्टर से मिल रही बिजली : 140 लाख यूनिट
पंजाब से वापस ली जा बिजली : 27 लाख यूनिट
दिल्ली से वापस ली जा रही बिजली : 15 लाख यूनिट

 

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