बड़े मगरमच्छों तक नहीं पहुंच रही पुलिस

ऊना। जिला में मादक पदार्थों के तस्करों ने भी पैर पसारना आरंभ कर दिया है। हालत ऐसी है कि शराब की तरह ही मादक पदार्थों के तस्करों ने भी गली चौराहों की दुकानाें को अड्डा बनाकर पुड़ियों में ऐसे पदार्थों की बिक्री को शुरू कर दिया है। हैरत की बात यह है कि मादक पदार्थों के गोरखधंधे के पीछे का बड़ा चेहरा आज तक पुलिस के सामने नहीं आ पाया है। मात्र छोटे-मोटे तस्करों की गिरफ्तारी तक ही सभी मामले सिमट कर रह जाते हैं। प्रदेश में इन पदार्थों की सप्लाई कहां से होती है इसे कौन अंजाम देता है, यह राज आज तक राज ही बना हुआ है। धंधे को मॉनीटर करने वालों तक पुलिस के हाथ क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं। सूबे से बाहर बैठे नशीले जहर के व्यापारी आज भी आजाद और सुरक्षित घूम रहे हैं।
जिला के सीमांत क्षेत्र बीत एरिया में चूरा पोस्त (भुक्की), चरस, अफीम और गांजा जैसे मादक पदार्थों की तस्करों ने अपना डेरा जमा रखा है। जो कई गांवाें में फैला हुआ है। अब यही जाल धीरे-धीरे औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों एवं निजी संस्थानों में पढ़ने वाले कई युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। चाय, बीड़ी-सिगरेट की दुकानें चलाने वाले लोग भी इस धंधे में शामिल होते जा रहे हैं।
उधर, एएसपी राकेश सिंह का कहना है कि जिला में ऐसे किसी भी धंधे को पैर नहीं पसारने दिए जाएंगे। इसके लिए पुलिस बल निरंतर कार्यरत है। ऐसे लोगों के खिलाफ भी अभियान छेड़ा गया है, जो इन धंधों को सूबे के बाहर बैठकर मॉनीटर करते हैं।

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