बजट सत्र: चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 13,141.07 करोड़ का बजट बढ़ा

बजट सत्र: चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 13,141.07 करोड़ का बजट बढ़ा

राज्य का चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट 13,141.07 करोड़ रुपये बढ़ गया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 4 मार्च, 2022 को 51,365 करोड़ का बजट पेश किया था, जो चर्चा के बाद 54,592 करोड़ रुपये का पारित हुआ था। इसके बाद भी सरकार को 13,141.07 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि की जरूरत पड़ी है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन भोजनकाल के बाद वर्ष 2022-23 के लिए 13,141.07 करोड़ की अनुपूरक अनुदान मांगों की प्रथम और अंतिम किस्त प्रस्तुत की। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि अनुपूरक अनुदान मांगों पर आज सदन में विस्तार से चर्चा के बाद पारित होंगी। राज्य स्कीमों को 11,707.68 करोड और 1,433.39 करोड़ केंद्रीय स्कीमों के लिए प्रस्तावित हैं। वेज एंड़ मीन्ज और ओवर ड्राफ्ट के लिए 6,004 करोड़, 1,260.65 करोड़ पेंशन सेवानिवृत्ति लाभ और 551.48 करोड़ बिजली सब्सिडी के लिए हैं। अस्पतालों, चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए 444.03 करोड़ और हिमकेयर योजना को 345.08 करोड़ रखे हैं।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह ने कहा कि बिलासपुर-भानुपल्ली और बद्दी-पिंजौर रेल लाइनों के लिए जमीन अधिग्रहण का खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। इसकी एवज में हिमाचल को कोई राजस्व प्राप्ति नहीं होगी। बिलासपुर-भानुपल्ली रेल लाइन के लिए एक हजार करोड़ राज्य देगा और बद्दी-पिंजौर रेल लाइन के लिए सरकार पचास फीसदी खर्च उठाएगी। जब रेलवे से पूछा गया कि हिमाचल को राजस्व हिस्सा कितना मिलेगा तोे जवाब दिया गया सिर्फ सुविधा मिलेगी। सरकार यह खर्च उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए उठा रही है। सुक्खू ने कहा कि शिक्षण संस्थानों के भवनों के निर्माण और कर्मचारियों के वेतन के लिए 435.08 करोड, हिमाचल पथ परिवहन निगम को सहायता के लिए 289.38 करोड़, मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष भवन बनाने और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 284.79 करोड़ रहेंगे।

जलापूर्ति और मल निकासी योजनाओं के लिए 279.06 करोड़, प्राकृतिक आपदा राहत 226.51 करोड़ और मुख्यमंत्री स्वावलंबी योजना, गति शक्ति योजना, ऑप्टिकल केवल फाइबर नेटवर्क और सरकारी विभागों के डिजिटल विस्तार के लिए 209.33 करोड़ रखे हैं। फसल बीमा योजना, मंडी मध्यस्थता योजना, उद्यान विकास परियोजना के लिए 208.42 करोड़, 156.91 करोड़ ग्रामीण स्थानीय निकायों के अनुदान, जिला परिषद के स्टाफ के 5 वें वित्तायोग के तहत अनुदान के लिए 156.91 करोड़ रहेंगे। इसके अलावा सड़कों और पुलों के लिए 154.71 करोड़, रेल परियोजनाओं के लिए 128 करोड़, कौशल विकास के लिए 108.70 करोड, सरकारी भवनों, छात्रावासों के निर्माण के लिए 106.08 करोड़, दीन दयाल अंत्योदय योजना, शहरी आजीविका मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत, स्वच्छ भारत मिशन और शिमला जल प्रबंधन निगम के लिए 67.73 करोड़, न्याय प्रशासन के लिए 53.93 करोड़ रखे हैं।

खाद्यान्न उपदान, धान की खरीद और हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के लिए 53.93 करोड़, मनरेगा के लिए 43.33 करोड़ का प्रावधान है। केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के तहत अधिकतम राशि मिली है। इसके तहत आपदा प्रबंधन के तहत 400 करोड़, 221.96 करोड़ मनरेगा, स्मार्ट सिटी मिशन 141.78 करोड़, कोविड आपातकालीन सेवा के लिए 140.91 लाख, केंद्रीय सड़क निधि 95.60 करोड़, स्टार प्रोजेक्ट 95.43 करोड़, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना 47 करोड़, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के लिए 43.08 करोड़ और स्वच्छ भारत मिशन के लिए 34.47 करोड़ प्रस्तावित हैं।

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