बंदरों को न पकड़ा तो चक्का जाम

बंगाणा (ऊना)। उपमंडल बंगाणा के गांव ननावीं में मंगलवार देर रात अज्ञात गाड़ी बंदरों को खुले में छोड़ गई है। जिससे क्षेत्र में एकाएक बंदरों की संख्या में इजाफा हो गया है। बंदरों ने गेहूं की फसल को तबाह करना शुरू कर दिया है। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग के प्रति गहरा आक्रोश जताया है।
स्थानीय लोेगों में ज्योति प्रकाश, वार्ड पंच विजय कुमार, सरीक मुहम्मद, डा. देवीदास शर्मा, मनसा राम, सुभाष चंद, इकबाल मुहम्मद, मजीद मुहम्मद, रोशन लाल, दीपक कुमार, रमन कुमार, विवेक कुमार, सोहन लाल और राजन ने आरोप लगाया कि नसबंदी केंद्र बौल के कर्मचारी रात के अंधरे में इन बंदरों को यहां लाकर छोड़ गए हैं। सुबह जब लोगों ने इतनी बड़ी संख्या में बंदरों को देखा तो वह हैरान हो गए। लोगों के मुताबिक सुबह होने तक बंदरों ने गेहूं की फसल को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया था। स्कूलों के बच्चे इन बंदरों के तांडव से सहमे हुए हैं। यदि वन विभाग ने शीघ्र अति शीघ्र इस क्षेत्र से बंदरों को न पकड़ा तो उन्हें मजबूरन चक्का जाम करने को मजबूर होना पड़ेगा।
इधर, नसबंदी केंद्र बौल के आरओ मनीष रामपाल ने बताया कि हमारी तीन टीमें इस समय बंदर पकड़ने का कार्य कर रही हैं। उनको विभाग की ओर से सिर्फ दिन में ही बंदरों को पकड़ने और छोड़ने की हिदायत दी गई है। ननावीं में बंदरों को छोड़ने वाला कोई बाहर से हो सकता है। बंगाणा के बीओ रमेश चंद शर्मा ने बताया कि विभाग इसकी जांच करेगा कि आखिर ननावीं में बंदर किसने छोड़े हैं।

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