फेसबुक ने विश्व युद्ध से जुड़े म्यूजियम को 13 लाख डॉलर दिए दान

फेसबुक ने विश्व युद्ध से जुड़े म्यूजियम को 13 लाख डॉलर दिए दान

वर्ल्ड डेस्क
दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने ब्रिटेन के ब्लेचले पार्क संग्रहालय को 13 लाख अमेरिकी डॉलर का दान दिया है। फेसबुक ने यह फैसला तब किया जब कोरोना वायरस महामारी के कारण संग्रहालय प्रशासन दर्जनों नौकरियां काटने पर मजबूर हो गया था। ऐतहासिक महत्व के इस संग्रहालय में ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने नाजी जर्मनी द्वारा एनिग्मा साइफर का इस्तेमाल करते हुए भेजे गए संदेशों को डिकोड किया था और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों की जीत में सहयोग दिया था।

बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड में बकिंघमशायर में स्थित महल ब्रिटिश सरकार का कोड और साइफर स्कूल की तरह था। यहां नाजियों के आपसी संपर्क की जानकारी पाने के लिए दुनिया का पहला डिजिटल कंप्यूटर बनाया गया था, जिसे प्रोग्राम किया जा सकता था। फेसबुक ने सोमवार को संग्रहालय को 13 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब नौ करोड़ 54 लाख 54 हजार 645 रुपये) का दान देने की बात कहते हुए कहा कि इस स्थान पर कंप्यूटर युग की शुरुआत हुई थी।
इसे लेकर फेसबुक के मुख्य तकनीकी अधिकारी माइक श्रोफर ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘हमारे बहुत से पसंदीदा स्थानों की तरह, कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की वजह से आगंतुकों की संख्या और राजस्व में गिरावट आने की वजह से इस साल इस संग्रहालय को काफी समस्या का सामना करना पड़ा है। जिससे इसके भविष्य को लेकर कई सवाल भी खड़े हुए हैं। ब्लेचले पार्क को दुनिया के लिए खुला रखने के लिए यह दान देकर फेसबुक सम्मानित महसूस कर रहा है।’

फेसबुक द्वारा दी गई इस मदद को लेकर संग्रहालय ने ट्विटर पर कहा कि इससे हमारे काम में योगदान मिलेगा और ट्रस्ट पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव को कम करने में मदद करेगा। बता दें कि संग्रहालय ने अगस्त में कहा था कि उसे राजस्व गिरने की वजह से साल 2020 में 26 लाख डॉलर (19 करोड़ नौ लाख, दो हजार 790 रुपये) का नुकसान होने की आशंका है। वह अपने कर्मचारियों के कुल स्टाफ का एक तिहाई यानी करीब 35 कर्मचारियों को निकालने की योजना भी बना रहा था।

श्रोफर ने कहा कि यह ब्लेचले पार्क की वजह से ही है कि फेसबुक आज अस्तित्व में है। उन्होंने कहा, इसके सबसे शानदार वैज्ञानिक एलन ट्यूरिंग का कार्य, आज भी हमारे हजारों इंजीनियरों और अनुसंधान वैज्ञानिकों को प्रेरित करता है। बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद कई वर्षों तक ब्लेचले पार्क की गतिविधियां एक रहस्य बनी रही थीं। युद्ध के दौरान यहां 10 हजार लोगों ने कोड को डिकोटड करने का काम कर अनगिनत लोगों की जान बचाई थी और युद्ध की अवधि को भी कम किया था।

 

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