फर्जी आईडी पर बेचे सिम, फंसे

सोलन।(मोहिन भरद्वाज) अहमदाबाद के तीन परिवारों को बेहोशी की दवा पिलाकर लूटपाट के मामले में शहर के कुछ कारोबारी फंस गए हैं। आरोपी ने जर्मनी में केयर टेकर की नौकरी के साक्षात्कार के लिए इन परिवारों को मोबाइल से संपर्क करके सोलन बुलाया था, वारदात को दिसंबर माह में अंजाम दिया था। मामले में जो सिम प्रयोग किए गए वह फर्जी आईडी पर लिए गए थे, इन्हें सोलन से ही लिया गया।
पुलिस की छानबीन में मोबाइल के सिम लोकल निकले हैं, जिन्हे सोलन से ही शातिर ने थर्ड पर्सन की आईडी पर फर्जी ढंग से खरीदा है। पुलिस के मुताबिक किसी थर्ड पर्सन की आईडी पर सिमकार्ड की खरीद गैरकानूनी है। इसके लिए उसी व्यक्ति का होना जरूरी है, जिसकी आईडी पर कनेक्शन दिया जा रहा है। पुलिस ने शहर में पांच डीलरों से पूछताछ की है। आगामी छानबीन के बाद कारोबारियों पर कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है। पुलिस का दावा है कि फर्जी आईडी से खरीदे गए सिमकार्ड के कारण पुलिस मास्टर माइंड तक नहीं पहुंच सकी है।

क्या है मामला
20 दिसंबर 2013 को सोलन के एक निजी होटल में अहमदाबाद के तीन परिवार बेहोशी की हालत में मिले। होश आने पर इनके पर्स, एटीएम कार्ड और अन्य सामान गायब था। पूछताछ में पुलिस ने पाया कि तीनों परिवारों के सदस्यों को सोलन में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। यह काम अपने आपको एनआरआई बताने वाले जेम्स का था।

इस तरह बुना जाल
वारदात के करीब दो माह पहले एक अखबार में शातिर ने राजस्थान, अहमदाबाद, शिमला और सोलन में विज्ञापन दिया। इसमें जर्मनी में केयर टेकर रखने की सूचना थी। अपनी फर्जी मेल आईडी पर उसने आवेदकों के बायोडाटा के साथ पासपोर्ट, कलर फोटो मांगे। लोकल आवेदकों के दस्तावेज छांटने के बाद बाद वारदात से एक माह पहले शातिर सोलन पहुंचा। मुख्य डीलरों से उसने चार सिमकार्ड और एक डाेंगल को फर्जी आईडी पर खरीदा। इनके माध्यम से राजस्थान और अहमदाबाद के लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया।

एटीएम के पिन किए नोट
पुलिस ने छानबीन में पाया कि वारदात वाली रात उसने बारी-बारी से सभी से एटीएम की स्टेटमेंट मांगी। विश्वास में लेकर वह एटीएम में पीड़ितों के साथ दाखिल हुआ, पिन नंबर नोट कर लिए। उसके बाद वापिस होटल में आकर जूस में बेहोशी की दवा पिला दी। सामान लूटने के बाद एटीएम से करीब तीन लाख की राशि निकाली।

पुलिस कर रही जांच
एसएचओ सोलन अनिल धौलटा ने कहा कि मामला पेचिदा हो गया है। काल ट्रेस में जितने नंबर मिले हैं, सभी फर्जी आईडी से सोलन में खरीदे गए हैं। कारोबारियों से पूछताछ की जा रही है। थर्ड पर्सन की आईडी पर कनेक्शन देना गैर कानूनी है।

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