प्रदेश सरकार ने बाहर फंसे 5000 से अधिक हिमाचलियों को सहायता प्रदान की

प्रदेश सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हिमाचलवासियों की सहायता के अपने उपायों में तेजी लाते हुए हेल्पलाइन नंबरों और ई-मेल के माध्यम से सहायता मांगने वाले 5000 से अधिक लोगों को सहायता प्रदान की है। हिमाचल प्रदेश के प्रधान सचिव (राजस्व-आपदा प्रबंधन) आंेकार शर्मा ने आज यहां यह जानकारी दी।
ओंकार शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार दिल्ली और चंडीगढ़ में अपने अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं और बाहर फंसे लोगों से प्राप्त काॅल और ई-मेल के आधार पर राहत कार्यों की निगरानी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन के राज्य आपात संचालन केन्द्र में ऐसे 1,618 काॅल्स हेल्पलाइन नंबरों पर दर्ज की गई। इन काॅल्स के माध्यम से सहायता की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की संख्या 7000 से अधिक थी, जिनमें  बिलासपुर के 517, चंबा के 590, हमीरपुर के 661, कांगड़ा के 1,532, किन्नौर के 90, कुल्लू के 201, लाहौल व स्पीति के 80, मंडी के 828, शिमला का 787, सिरमौर के 148, सोलन के 647 और ऊना जिले के 188 व्यक्ति शामिल थे।
उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों में जरूरतमंद प्रदेशवासियों से प्राप्त काॅल्स के आधार पर, आंध्र प्रदेश में 29 लोग, असम में दो, बिहार में 205, छत्तीसगढ़ में 10, गोवा में 600, गुजरात में 129, हरियाणा में 780, झारखंड में पांच, कर्नाटक में 442, केरल में सात, मध्य प्रदेश में 151, महाराष्ट्र में 365 और नागालैंड में एक व्यक्ति को भोजन, धन, चिकित्सा सहायता, आश्रय आदि के रूप में सहायता की आवश्यकता थी। इसके अलावा, ओडिशा में दो व्यक्ति, पंजाब में 1297, राजस्थान में 458, तमिलनाडु में 132, तेलंगाना में 22, चंडीगढ़ में 412, जम्मू-कश्मीर में 238, पुड्डूचेरी में सात, दिल्ली में 621, उत्तर प्रदेश में 342, उत्तराखंड में 166 और पश्चिम बंगाल में लगभग 500 व्यक्तियों को सम्बंधित राज्य सरकार के साथ समन्वय द्वारा आवश्यक सहायता प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखे हैं, जहां अधिक संख्या में हिमाचलवासी फंसे हुए हैं ताकि उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके। राज्य नियंत्रण कक्ष के अधिकारी सम्बंधित राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में हैं, ताकि हिमाचल के लोगों के भोजन, आश्रय और अन्य आवश्यकताओं को हल किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हिमाचल वापिस आने की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों को आॅनलाइन आवेदन करने या हेल्पलाइन नम्बरों पर निकटतम संपर्क कार्यालयों से संपर्क करने का सुझाव दिया गया है।
इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे विभिन्न राज्यों के 13,209 व्यक्तियों की शिकायतों का निवारण कर दिया गया है। इनमें बिहार राज्य के 8,808 व्यक्तियों, पश्चिम बंगाल के 948, उत्तर प्रदेश के 604, उत्तराखंड के 15, जम्मू और कश्मीर के 2,208, अरुणाचल प्रदेश के 103, दिल्ली के 34, झारखंड के 99, मध्य प्रदेश का एक, ओडिशा के 220, छत्तीसगढ़ के 163 और राजस्थान के दो व्यक्तियों की समस्याओं का निवारण किया गया है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के दो व्यक्तियों की शिकायतों का भी निवारण किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे सैकड़ों लोगों को भोजन, चिकित्सा सहायता, धन, आश्रय आदि प्रदान किए जा रहे हैं और प्रदेश सरकार लाॅकडाउन के मद्देनजर देश के किसी भी क्षेत्र में फंसे हिमाचल के लोगों और हिमाचल में अन्य राज्यों के लोगों की सहायता करने में तत्पर है।

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