प्रदेश में स्वास्थ्य सुबिधाओं का ऐसा है हक्कीकत चेहरा, प्रसूता वार्ड में 38 बिस्तर पर दाखिल कर दीं 65 महिलाएं

प्रदेश में स्वास्थ्य सुबिधाओं का ऐसा है हक्कीकत चेहरा, प्रसूता वार्ड में 38 बिस्तर पर दाखिल कर दीं 65 महिलाएं

नाहन (सिरमौर)
प्रसूता वार्ड में एक बिस्तर पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। ऐसे में जहां गर्भवती महिलाओं को दिक्कतें झेलनी पड़ रही है, वहीं उनके तीमारदार भी खासे परेशान हैं।

मेडिकल कॉलेज नाहन में डिलीवरी के लिए पहुंच रहीं गर्भवती महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रसूता वार्ड में एक बिस्तर पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। ऐसे में जहां गर्भवती महिलाओं को दिक्कतें झेलनी पड़ रही है, वहीं उनके तीमारदार भी खासे परेशान हैं। एक बिस्तर पर दो महिलाओं को दाखिल किए जाने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। वहीं, तीमारदारों को भी कड़ाके की ठंड के बीच फर्श पर लेटकर रात बितानी पड़ रही है।मेडिकल कॉलेज के प्रसूता वार्ड में 38 बिस्तर की व्यवस्था है। इसके मुकाबले यहां 65 के करीब गर्भवती महिलाएं दाखिल हैं। रोजाना 15 के करीब महिलाएं डिलीवरी के लिए पहुंच रही हैं। ऐसे में दो-दो मरीजों को एक बिस्तर पर समायोजित (एडजस्ट) किया जा रहा है। इतनी भीड़ से जहां मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है, वहीं यहां सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य स्टाफ को भी खासी परेशानी उठानी पड़ रही है।

नाहन मेडिकल कॉलेज में जिलेभर से महिलाओं को रेफर किया जा रहा है। कहीं एनेस्थीसिया नहीं है तो कहीं स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने से पूरे जिले का भार मेडिकल कॉलेज के कंधों पर आ गया है। प्रसूता वार्ड में क्षमता के अनुसार बिस्तर नहीं है। मेडिकल कॉलेज में मातृ-शिशु वार्ड अलग से बनाने का मामला भी अभी लंबित पड़ा है। नए मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण कार्य रुका हुआ है। मेडिकल कॉलेज नाहन के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बलराम धीमान ने बताया कि अस्पताल के प्रसूता वार्ड में 38 बिस्तर हैं, जबकि 65 के करीब गर्भवती महिलाएं दाखिल की गई हैं। ऐसे में एक बिस्तर पर दो-दो महिलाएं दाखिल की जा रहीं हैं। साथ लगते वार्डों में भी जगह नहीं है, जबकि पुरुष वार्ड में महिलाओं को दाखिल नहीं किया जा सकता। इसलिए दिक्कत तो हो रही है। यदि मातृ-शिशु वार्ड बन जाए तो समस्या का समाधान हो सकता है। उन्होंने बताया कि जिले के अन्य अस्पतालों से भी मरीज नाहन रेफर किए जा रहे हैं, फिर भी लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन प्रयासरत है।

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