पैसा ट्रांसफर करने के नाम पर लूटे

बद्दी (सोलन)। स्टेट बैंक आफ इंडिया के तहत कार्य करने वाली जीरो मास कंपनी के कर्मचारियों पर प्रवासी कामगारों के लाखों रुपये लूटने का आरोप लगा है। कामगारों के अनुसार दो माह से यह सिलसिला जारी है। जब उनके परिजनों को धनराशि नहीं मिली तब इस लूट का पर्दाफाश हुआ है। हालांकि तब तक करीब पचास लाख रुपये हड़प लिए गए। जीरो मास कंपनी के संचालकों का कहना है कि केंद्र में तैनात आपरेटर पैसा हड़प गए हैं। इसकी शिकायत पुलिस को कर दी गई है। वहीं भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष गोपाल चौधरी और उपाध्यक्ष निक्का राम ठाकुर के नेतृत्व में पीड़ित कामगारों ने नारेबाजी। गोपाल चौधरी ने शीघ्र पैसा कामगारों को खाते में जमा न होने पर आंदोलन तेज करने की धमकी दी।
जानकारी के अनुसार स्टेट बैंक ने औद्योगिक क्षेत्र में प्रवासी कामगारों का पैसा उनके एकाउंट में जारी करने का जिम्मा जीरो मास कंपनी को दिया हुआ है। चंडीगढ़ जोन में करीब एक हजार ऐसे केंद्र बैंक के साथ में कार्य करते हुए मोबाइल से कामगारों का पैसा उनके पैतृक गांव के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर करते हैं। दो माह से बद्दी में खुले केंद्र से करीब डेढ़ सौ कामगारों के करीब पचास लाख उनके खातों में नहीं जमा करवाए गए हैं।
कंपनी से बद्दी का ठेका जिस ठेकेदार को दिया हुआ है उसने आगे कार्य दो स्थानीय आपरेटरों को दिया हुआ है। 6 फरवरी को शिकायतें मिलने पर बद्दी बैंक ने इसकी शिकायत कंपनी के सर्कल प्रभारी से की। प्रभारी ने तत्काल आदेश जारी कर कंपनी के कार्य को रोक दिया गया। जीरो मास कंपनी के सर्कल हैड अशोक मोहंती ने बताया कि उनके ठेकेदार ने इसके लिए आपरेटरों को दोषी ठहराया है। साथ ही उन्होंने उनके खिलाफ पुलिस में भी मामला दर्ज करा दिया है, लेकिन शीघ्र ही कंपनी लोगों के पैसे को शीघ्र ही उनके एकाउंट में जमा करा देगी।
वहीं इस संबंध में बद्दी बैंक के प्रबंधक रवि कौशल ने बताया कि जीरो कंपनी का संबंध उनके क्षेत्रीय कार्यालय से होता है इसलिए उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वैसे भी हर रोज पैसा तो जमा होता रहा लेकिन कुछ लोगों का पैसा जमा नहीं कराया गया है, जिसका पता नहीं चला।

डेढ़ सौ कामगारों को पैसा नहीं हुआ जमा
बद्दी (सोलन)। प्रवासी कामगार मनोज, पवन, सूर्या कांत, हीरा सिंह, सुलव सिंह, बबलू कुमार और प्रदीप कुमार ने तीन-तीन हजार रुपये जनवरी माह में जीरो मास कंपनी के माध्यम से अपने परिजनों को भेजे। जबकि सुबोध कुमार, अहमद इरशाद, श्याम लाल ने 5 हजार, रीता देवी ने 9 हजार, निर्मला देवी, आशा देवी सरोजनी देवी के 6-6 हजार रुपये, राम विलास राय व जगरनाथ राम के चार-चार हजार रुपये, भिखारी लाल से बीस हजार रुपये, सुमधान के दो हजार, संजीव कुमार पांच सौ रुपये, बिष्णु समार के एक हजार महरून निशा के 15 सौ समेत डेढ़ सौ लोगों को पैसा उनके एकाउंट में एक माह बीत जाने के बाद भी जमा नहीं हुआ है।

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