पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की स्कॉलरशिप घोटाले में बढ़ीं मुश्किलें, मान सरकार ने फाइल तलब कर दिए विस्तृत जांच के आदेश

पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की स्कॉलरशिप घोटाले में बढ़ीं मुश्किलें, मान सरकार ने फाइल तलब कर दिए विस्तृत जांच के आदेश

चंडीगढ़
सीएम भगवंत मान ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाय पिछली अकाली और कांग्रेस सरकारें उन राजनीतिज्ञों और अफसरशाहों का बचाव करती रही, जो इस घृणित काम में शामिल थे।

सीएम भगवंत मान ने पंजाब के लोगों को आश्वासन दिया कि पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के अधीन सार्वजनिक पैसों के वितरण में अनियमितताओं और किसी भी तरह की कोताही का पता लगाने के लिए इस मामले की सभी पक्ष से गहराई के साथ जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह समाज के पिछड़े वर्गों के विरुद्ध असहनीय अपराध है और इसमें जो भी दोषी पाया गया उसे बख्शा नहीं जाएगा।

मान ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के फंडों में हुई अनियमितताओं ने अनुसूचित जातियों के लाखों विद्यार्थियों को मानक उच्च शिक्षा से वंचित कर उनका भविष्य तबाह कर दिया। इन अनियमितताओं को गरीब वर्ग के विद्यार्थियों के हितों की दिन-दहाड़े लूट बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार दोषियों को सरेआम खुला छोड़ कर हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकती। आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाय पिछली अकाली और कांग्रेस सरकारें उन राजनीतिज्ञों और अफसरशाहों का बचाव करती रही, जो इस घृणित काम में शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ यही नहीं, बल्कि अकाली, भाजपा और कांग्रेस लीडरशिप ने भी एक-दूसरे के साथ मिलीभगत कर ली, जिससे इस अपराध को अंजाम देने वालों पर कार्रवाई करने से बचाव किया जा सके।
कैप्टन सरकार ने दे दी थी क्लीनचिट
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के समय इस मामले में पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को क्लीन चिट दे दी गई थी। सरकार के आदेश पर मुख्य सचिव द्वारा की गई मामले की दोबारा जांच में 39 करोड़ रुपये के भुगतान को सही बताया गया। जबकि घोटाले का खुलासा करने वाले आईएएस कृपा शंकर सरोज ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत विभाग के एक उपनिदेशक को बचाने में लगे हुए हैं।

मेरी सरकार इन अनियमितताओं की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिससे दोषियों को कानून के मुताबिक सजा हो। इन अनियमितताओं के दोषियों की सरकारी खजाने में से एक-एक पैसे की लूट के लिए जवाबदेही तय की जाएगी। – भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब सरकार

सामाजिक न्याय विभाग के एसीएस ने किया था स्कॉलरशिप घोटाला उजागर
पंजाब सरकार के तत्कालीन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कृपा शंकर सरोज ने स्कॉलरशिप घोटाले को उजागर किया था। उनके द्वारा 55.71 करोड़ के इस घोटाले की पूरी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी गई थी। रिपोर्ट में लिखा गया था कि 39 करोड़ रुपये मिलीभगत से कथित तौर पर फर्जी संस्थानों के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। उनका कहना था कि 16.71 करोड़ रुपये ऐसे संस्थानों को दिए गए जिन पर पहले से ही वित्तीय अनियमितताएं बतरने के आरोप थे। 8 करोड़ रुपये गैरकानूनी तरीके से ट्रांसफर किए गए जिसका खुलासा सरकार की जांच में हो चुका है।

सीबीआई ने मांगे थे दस्तावेज
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की शिकायत पर 2021 जुलाई में सीबीआई ने जांच शुरू की थी। जांच के दौरान सीबीआई चंडीगढ़ के कार्यालय द्वारा पंजाब के सामाजिक न्याय विभाग के प्रधान सचिव से तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव कृपा शंकर सरोज द्वारा 24 अगस्त 2021 को मुख्य सचिव को सौंपी गई रिपोर्ट की सत्यापित कापी मांगी गई थी। हालांकि सरकार ने उस समय सीबीआई को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए।

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