पीलिया से बचना है तो बंद करो बावड़ियों का पानी

शिमला। पीलिया से बचना है तो बावड़ियों का पानी पीना बंद कीजिए। स्वास्थ्य महकमे की ओर से यह अपील शहरवासियों से की गई है। पीलिया के वीरवार को छह नए मामले सामने आए। इनमें चार मामले कसुम्पटी और विकासनगर से आए। दो मरीज सुन्नी से अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे। अब तक पीलिया से पीड़ित 42 मरीज पहुंच चुके हैं। धीरे धीरे पीलिया शिमला को जकड़ रहा है। एहतियात के तौर पर जिला स्वास्थ्य महकमे की टीमें प्रभावित इलाकों का दौरा कर लोगों को जागरूक कर रही हैं और आईपीएच महकमा पेयजल स्रोतों में क्लोरिन डाल रहा है।
अब तक की जांच में सामने आया है कि पब्लिक टैब से आ रहे पानी का सैंपल ठीक है लेकिन बावड़ियों का पानी दूषित है। स्वास्थ्य महकमा अंदेशा जता रहा है कि इन्हीं बावड़ी के पानी के इस्तेमाल से लोग पीलिया का शिकार हो रहे हैं। मैहली स्थित बावड़ी का सैंपल फेल हो चुका है इसके अलावा दो बावड़ियां मैहली और एक विकासनगर में भी हैं। हालांकि इन सभी बावड़ियों में अब क्लोरिन डाल दी गई है लेकिन इससे पहले यहां से पानी का सेवन करने वाले पीलिया की चपेट में आ गए। इन्हीं इलाकों से सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आरके गुप्ता ने कहा कि वीरवार को भी टीम संबंधित इलाकों में भेजी गई है। घर द्वार जाकर लोगाें को जागरूक कर रहे हैं। अंदेशा है कि बावड़ियों से पानी का सेवन करने वाले लोग पीलिया की चपेट में आ रहे हैं। उधर, आईपीएच के अधिशासी अभियंता बीआर शर्मा ने कहा कि सभी सैंपल सही निकले हैं। नगर निगम के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डा. डीपी सिंह ने कहा कि वीरवार को कनलोग और विकासनगर में पानी के सैंपल ले लिए गए हैं। लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
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पीलिया का सबसे पहले मामला कसुम्पटी में सामने आया। इसके बाद विकासनगर, पंथाघाटी और मैहली से पीड़ित अस्पताल पहुंचने लगे। भराड़ी और शोघी के बाद अब सुन्नी से दो मामले सामने आए हैं।

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