निगम में लटकी लिपिकों की डीपीसी

हल्द्वानी। निदेशालय से हल्द्वानी नगर निगम में प्रस्तावित सृजित पदों को स्वीकृति नहीं मिलने से मंगलवार को 11 वरिष्ठ और आठ कनिष्ठ लिपिकों की डीपीसी स्थगित हो गई। पदोन्नति समिति सदस्यों के इस फैसले से दर्जनों कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है। निदेशालय के अग्रिम आदेश तक नगर निगम में अब डीपीसी में रोड़ा अटक गया है।
हल्द्वानी को नगर निगम का दर्जा तो मिल गया लेकिन बुनियादी ढांचा अभी तक नगर पालिका का है। निगम में स्टाफ और संसाधनों की कमी होने से जनता को निगम बनने के बाद से अब तक कोई खास लाभ नहीं मिल सका है। पूर्व में निगम प्रशासन ने नगर निगम के ढांचे के अनुरूप पद सृजित करने का प्रस्ताव शहरी विकास निदेशालय को भेजा था। प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिलने से निगम में लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों की डीपीसी लटक गई है।
वरिष्ठ और कनिष्ठ लिपिकों की डीपीसी के लिए मुख्य नगर अधिकारी आरडी पालीवाल के नेतृत्व में पांच सदस्यीय पदोन्नति समिति में सहायक नगर अधिकारी नीरज जोशी, जिला पंचायती राज अधिकारी जितेंद्र कुमार के अलावा उप श्रमायुक्त और सेवायोजन अधिकारी शामिल हैं। मंगलवार को समिति की बैठक हुई, जिसमें नगर निगम में वरिष्ठता के आधार पर 11 वरिष्ठ लिपिकों और आठ कनिष्ठ लिपिकों की डीपीसी करनी थी। लेकिन काफी मंथन के बाद लिपिकों की डीपीसी को स्थगित कर दिया गया। मुख्य नगर अधिकारी ने बताया कि नगर निगम में वरिष्ठ लिपिक चार और कनिष्ठ लिपिक 39 हैं जबकि वरिष्ठ लिपिकों के 15 और कनिष्ठ लिपिकों के 36 पद स्वीकृत हैं। डीपीसी के बाद लिपिक संवर्ग के स्वीकृत पदों की संख्या के बराबर कर्मचारियों की तैनाती हो जाती।
इनसेट
पदनाम प्रस्तावित पद कार्यरत पद स्वीकृत पद
मुख्य नगर अधिकारी 01 01 01
अपर मुख्य नगर अधिकारी 01 00 00
उप नगर अधिकारी 02 00 00
सहायक नगर अधिकारी 04 01 04
मुख्य लेखाधिकारी 01 00 01
लेखाकार 01 01 00
लेखा लिपिक 04 04 04
कार्यालय अधीक्षक 01 01 01
मुख्य नगर लेखा परिवेक्षक 01 00 00
अधीक्षण अभियंता 01 00 00
अधिशासी अभियंता 01 00 00
सहायक अभियंता 01 01 01
मुख्य कर अधिकारी 01 00 01

नगर निगम में प्रस्तावित पद सृजित होने के बाद निगम में प्रतिमाह वेतन के रूप में 98 लाख 14 हजार रुपये का खर्च होगा। वर्तमान में वेतन पर 82 लाख रुपये प्रतिमाह खर्चा है। वेतन में कुल 16 लाख 14 हजार रुपये प्रतिमाह का अंतर आएगा लेकिन सृजित पदों के अनुरूप कर्मचारियों की तैनाती से बेहतर कामकाज होगा।
– आरडी पालीवाल, मुख्य नगर अधिकारी

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