इनकम से ज्यादा ‘कमा’ रहे हैं, सरकार की है नजर

उत्तराखंड में एक तरफ लोकायुक्‍त का विरोध हो रहा है तो दूसरी ओर विशेष न्यायालय अधिनियम-2011 को प्रभावी करने की तैयारी चल रही है।

विशेष अदालतों में आएंगे बेनामी संपत्तियों के मुकदमे
इन अदालतों के सक्रिय होने के बाद आय से अधिक बेनामी संपत्तियों के अधिग्रहण और उन्हें राजसात करने का रास्ता खुल जाएगा।

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विशेष न्यायालय अधिनियम-2011 के तहत घोषित आय से अधिक बेनामी संपत्तियों के मुकदमे विशेष अदालतों में आएंगे और अदालत के फैसले के आधार पर संबंधित संपत्ति अधिग्रहीत कर राजसात की जा सकेगी।

भ्रष्टाचार, कालेधन और जमाखोरी को रोकने की तत्कालीन सरकार की इस मंशा को वर्तमान सरकार भी हू-ब-हू लागू करने का मन बना रही है।

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इस अधिनियम का नोटीफिकेशन भाजपा के कार्यकाल में ही कर दिया गया था। लेकिन सरकार बदलने के बाद न तो यह सक्रिय किया गया और न ही विशेष अदालतों का गठन अब तक हुआ है।

विशेष अदालतों को सक्रिय करने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक अब इन विशेष अदालतों को सक्रिय करने की तैयारी चल रही है। सुराज एवं भ्रष्टाचार विभाग की ओर से चले प्रस्ताव में एक विशेष अदालत गढ़वाल मंडल के लिए और दूसरी कुमाऊं मंडल के लिए बनाई जानी है। गढ़वाल की विशेष अदालत देहरादून में और कुमाऊं की हल्द्वानी में बनेगी।

बताया गया कि गढ़वाल वाली अदालत को वक्ती तौर पर देहरादून के जिला जज और कुमाऊं वाली विशेष अदालत को नैनीताल के जिला जज से जोड़ा जाएगा। बाद में इन अदालतों का अपना पूरा स्टाफ तैनात होता रहेगा।

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