नशे से बचने का संदेश दे रहे बाबा बलवंत

नालागढ़ (सोलन)। अपने लिए तो सब जीते हैं, लेकिन किसी खास उद्देश्य की पूर्ति के लिए जिया जाए तो लोगों का जहां सम्मान मिलता है, वहीं यह खुद ही एक मिसाल बन जाती है। ऐसे ही एक उद्देश्य को लेकर 7 साल 3 माह से अपने सिर पर 800 मीटर लंबी और 70 किलो वजनी पगड़ी बांधकर देश के विभिन्न इलाकों में सभी समुदाय के युवाओं को नशे से बचने और सिख समुदाय को दस्तार पहने के संदेश देने के लिए निकले हैं 50 वर्षीय निहंग सिंह बाबा बलवंत सिंह। वे गुरुद्वारा बाबा प्यारा सिंह गांव मिशरौली जिला यमुनानगर के रहने वाले हैं और 12 साल के लिए प्रण लेकर अपने घर बार को त्याग चुके हैं। बकौल बाबा बलवंत सिंह किसी भी धर्म में नशे के लिए कोई स्थान नहीं है, इसलिए लोग खासकर युवा नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से बचें और सिखों की शान दस्तार या पगड़ी को हमेशा बांधे रखें।

पगड़ी खोलने और लगाने में लगते हैं दो दिन
बाबा बलवंत सिंह की इस पगड़ी को खोलने में दो लोगों को एक पूरा दिन लग जाता है और एक दिन इसे बांधने में लग जाता है। बाबा बलवंत सिंह सप्ताह में एक बार इस पगड़ी को खोलते हैं। सात्विक भोजन दूध, दही, लस्सी, जूस और एक आध रोटी पर निर्भर रहने वाले बाबा बलवंत सिंह ने अपने लिए एक खास तरीके की कार भी बनाई है और इसी में उनका सफर और सोना होता है। पगड़ी बांधने की व्यव्स्था भी इस कार में विशेष रूप से की गई है। उन्होंने कहा कि वे कई प्रदेशों में घूम चुके हैं और हर जगह उन्हें भरपूर मान सम्मान मिला है, वहीं जिस उद्देश्य पूर्ति के लिए उन्होंने संकल्प लिया है, वह पूरा होता नजर आता है।

वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो नाम
एसजीपीसी सदस्य एवं शिअद प्रदेशाध्यक्ष डा. दिलजीत सिंह भिंडर ने कहा कि बाबा बलवंत सिंह जिस उद्देश्य पूर्ति के लिए निकले हैं, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि गुरू गोबिंद सिंह ने भी सिक्खों को दस्तार पहनने का हुकम दिया था। उन्होंने कहा कि इतने समय अपने सिर पर इतना भार उठाने वाले बाबा बलवंत सिंह का नाम लिमका बुक या गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होना चाहिए।

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