नूरपुर (कांगड़ा)। नूरपुर में बरामद नशे की बड़ी खेप ने पुलिस और जिला प्रशासन को हिला दिया है। भलेटा में ढाबे से मिली नशीली दवाओं के बाद यह साफ हो गया है कि इस कारोबार में परदे के पीछे बड़ा माफिया राज कर रहा है। पंजाब से सटे होने के बाद इस तरह की आशंका से मना नहीं किया जा सकता है। क्षेत्र में पहला मौका है, जब इतनी मात्रा में नशे की खेप पकड़ी गई है।
इधर, सस्ता नशा अनमोल जीवन पर भारी पड़ने लगा है। दलदल में युवा पीढ़ी धंसती जा रही है। नशे के सौदागरों ने एजेेंटों का सहारा लेने की बजाय अब अपने अड्डे जमाने शुरू कर दिए हैं। पड़ोसी राज्य पंजाब से सटे नूरपुर उपमंडल में नशीले पदार्थों का काला कारोबार पैर पसारने लग पड़ा है। नूरपुर पुलिस के सामने अब अपनी पीठ थपथपाने की बजाय माफिया पर नकेल कसने की चुनौती है। उधर, डीएसपी राजीव अत्री का कहना है कि नशे के कारोबार पर शिकंजा कसने का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। समाज की सहभागिता के बिना नशे के काले कारोबार को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है।
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नशे के सौदागरों का खेल
16 जनवरी को सीआईडी की टीम ने जसूर के समीप छतरोली में 12 हजार नशीले कैप्सूलों का जखीरा पकड़ा। इसके बाद 18 जून को एक बार फिर सीआईडी ने सुनियोजित ढंग से कंडवाल बैरियर पर 10 बड़े थैलों से एक हजार नशीली दवा की शीशियों की खेप बरामद की। कंडवाल पुलिस चौकी की टीम ने 11 जनवरी को एक ढाबा मालिक की सूचना पर 151 नशीली दवा की बोतलें जब्त की थीं।