धागा और हैक्सा ब्लेड लाएं साथ

घुमारवीं (बिलासपुर)। हाथ या पांव में लगा प्लास्टर निकालना है या फिर गहरा जख्म होने पर टांका लगवाना है तो धागा और हैक्सा ब्लेड साथ लेकर आएं। जी हां, जिला के घुमारवीं अस्पताल में यही जवाब मिल रहा है। प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का दम भरने वाले दावे घुमारवीं में खोखले साबित हो रहे हैं। अस्पताल की दुर्दशा यह है कि यहां पर न प्लास्टर निकालने के लिए न तो हैक्सा ब्लेड उपलब्ध रहती है और न ही टांका लगाने के लिए धागा। इस पर चिकित्सकों की कमी मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होने के कारण यहां से प्रदेश के मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है। बावजूद इसके यहां की कोई सुध नहीं ले रहा। हालत यह है कि अपने मर्ज का इलाज करने के लिए पहुंचने वाले लोग यहां आकर पेश आने वाली परेशानियों से और बीमार हो जाते हैं। ऐसे में मजबूरन लोग निजी अस्पतालों का रुख करने को विवश हो गए हैं। विशेषज्ञ डाक्टरों के अभाव के चलते मरीजों को अपना उपचार करवाने में दिक्कतें हो रही हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण महिलाओं को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है। अस्पताल में शल्य चिकित्सक, शिशु रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ जैसे अहम पद खली चल रहे हैं। रेडियोलोजिस्ट का पद नहीं होने के कारण अल्ट्रासाउंड मशीन के कमरे में लंबे अरसे से ताला लटका हुआ है। सिविल अस्पताल के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित 15 पद रहते हैं, किंतु यहां चार से अधिक डाक्टरोें की स्वीकृति नहीं मिली। चार पदों में से इन दिनों महज एक ही चिकित्सक तैनात है। एक रोगी कल्याण समिति के तहत रखे गए हैं। स्थानीय निवासी महेश, देवेंद्र, अशीष, रोहित, दलीप ने कहा कि अस्पताल में बेहतर सुविधा नहीं होेने के कारण लोगों को मजबूरन निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। खंड चिकित्सा अधिकारी डा. टीएस चंदेल कहते हैं कि इस बारे में आला अधिकारियों को अवगत करवाया गया है।

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