दो माह से नहीं हुआ दूध का भुगतान

करसोग (मंडी)। करसोग क्षेत्र के सैकड़ों दुग्ध उत्पादकाें को दो महीने से दूध की कीमत का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे उनको आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। दूध की कीमत का भुगतान न होने से दुग्ध उत्पादकों ने मिल्क फेडरेशन प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गहरा रोष प्रकट किया है।
क्षेत्रीय दुग्ध उत्पादक टेक चंद, लाल चंद व जीतराम ने बताया कि मिल्क फेडरेशन ने अभी तक दिसंबर व जनवरी महीने के उनके दूध के बिलों की अदायगी नहीं की है, जिससे करसोग क्षेत्र के सैकड़ों दुग्ध उत्पादकों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस बारे में वे प्रबंधन को कई बार बिल की अदायगी का आग्रह कर चुके हैं, लेकिन प्रबंधन दुग्ध उत्पादन के बिलों के भुगतान के प्रति गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि दूध कारोबार में वे किसान जुड़े हैं, जिनके पास पर्याप्त जमीन नहीं है और वे दुग्ध उत्पादन से अपनी रोजी रोटी चला रहे है। समय पर बिलों का भुगतान न होने से किसानों को पशु चारा लेने के लिए पैसों के लाले पड़ रहे हैं, लेकिन सरकार दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन देने के बजाय इनकी समस्याओं पर गौर नहीं कर रही है।
इस संबंध में मिल्क फेडरेशन के प्रोडक्शन मैनेजर आरके चौहान का कहना है कि फेडरेशन ने दूध का जो घी बना रखा है, वह मार्केट में जल्दी न बिकने की वजह से पैसों की दिक्कत आ रही है। इसके अलावा आंगनबाड़ी के लिए जो पाउडर बना रखा है। अभी तक इसे खरीदने के लिए आर्डर नहीं दिया गया है। जैसे ही आर्डर मिल जाता है, उस पेमेंट से दुग्ध उत्पादकों के बिलों की अदायगी तुरंत की जाएगी।

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