दिव्यांगों, गंभीर बीमार और गर्भवतियों से नहीं ली जाएगी ड्यूटी, अनुबंध तक के कर्मचारियों को छूट

दिव्यांगों, गंभीर बीमार और गर्भवतियों से नहीं ली जाएगी ड्यूटी, अनुबंध तक के कर्मचारियों को छूट

चंडीगढ़
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच हरियाणा सरकार ने अहम फैसला लिया है।  दिव्यांगों, संवेदनशील व्यक्तियों अर्थात हाईपरटेंशन, उच्च रक्तचाप, हृदय या फेफड़ों की बीमारी, कैंसर और अन्य दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित कर्मचारियों और गर्भवती महिला कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाएगा। चाहे वे नियमित, अनुबंध, आउटसोर्सिंग, दैनिक वेतन भोगी, एडहॉक पर ही कार्यरत क्यों न हों। आवश्यक सेवाओं में लगे होने पर भी उन्हें कार्यालय नहीं बुलाया जाएगा।

मुख्य सचिव ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, सभी मण्डलायुक्तों, उपायुक्तों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों, मुख्य प्रशासकों व सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्णय के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर वे घर से काम कर सकते हैं, बशर्ते उनके पास आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो।

सरकार ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के मकसद से ये उपाय किए हैं। इससे दिव्यांगों, संवेदनशील व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। इससे पहले 8 मई 2020 और 16 जुलाई 2020 को सरकार ने ऐसे आदेश जारी किए थे। निर्देशानुसार दृष्टिहीन और अन्य दिव्यांग कर्मचारी कोरोना संक्रमण की दृष्टि से अति संवेदनशील हैं। कार्यालय में उनकी उपस्थिति न तो उनके हित और न ही अन्य कर्मचारियों के हित में है। इसलिए कर्मचारियों का रोस्टर बनाते समय दिव्यांग कर्मचारियों को अगले आदेश तक ड्यूटी पर न बुलाया जाए।

आदेश में कहा गया है कि 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के कर्मचारी, हाइपरटेंशन, उच्च रक्तचाप, हृदय या फेफड़ों की बीमारी, कैंसर और अन्य दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित कर्मचारियों को गंभीर बीमारियां होने का अधिक खतरा है, इसलिए ऐसे कर्मचारियों को किसी भी ऐसे फ्रंट-लाइन कार्य में न लगाया जाए। 

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