दर्जनों असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं रजिस्ट्रार

शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में दर्जनों डाक्टरों के पदों की डिमोशन संभव है। कई विभागों में रजिस्ट्रार की कमी के कारण मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने प्रबंधन के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की है। एमसीआई ने दो टूक शब्दों में कहा है कि जहां कमी है, वहां असिस्टेंट प्रोफेसरों को रजिस्ट्रार शो करो। ऐसा होने पर कॉलेज में एमसीआई असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों को कम कर देगी। वीरवार को एमसीआई ने निरीक्षण के दौरान यह बात कही। कॉलेज में हड़कंप मच गया है। कॉलेज प्रबंधन मामले को सुलझाने में लगा हुआ है। एमसीआई की बात स्वीकार करने के अलावा प्रबंधन के पास दूसरा कोई चारा नहीं है।
कॉलेज में एमबीबीएस की पैंसठ से सौ सीटें होने के बाद एमसीआई का यह चौथी मर्तबा निरीक्षण है। अगर कॉलेज प्रबंधन सभी नियमों, शर्तों को पूरा करने में अक्षम रहता है तो सीटों की मान्यता पर खतरे की तलवार लटक सकती है। कॉलेज में बाल रोग, साइक्रेटिक, आर्थो, सर्जरी, मेडिसन सहित कई विभागों में रजिस्ट्रार के पद खाली हैं। मेडिकल कॉलेज की रीढ़ रजिस्ट्रार को माना जाता है। यहां रजिस्ट्रारों के करीब साठ पद खाली हैं। इस पर एमसीआई ने आपत्ति उठाई है। अपनी साख बचाने के लिए कॉलेज प्रबंधन के पास एकमात्र चारा है कि असिस्टेंट प्रोफेसर को रजिस्ट्रार के पद पर लाए और एसोसिएट प्रोफेसर को असिस्टेंट की जगह तैनात करे। बीते साल निरीक्षण के दौरान कॉलेज प्रबंधन ने जुगाड़ तंत्र से दूसरी जगहों से यहां रजिस्ट्रार शो करके अपनी साख बचाई थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया। एमसीआई ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए गेंद कॉलेज प्रबंधन के पाले में डाल दी है। शुक्रवार को भी एमसीआई का कॉलेज में निरीक्षण है। उधर, कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर एसएस कौशल ने कहा कि रजिस्ट्रार को लेकर एमसीआई ने कुछ सवाल जरूर किए लेकिन इस दिक्कत को हल कर दिया गया है। सब ठीक है।

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