तो क्या पानी में मिल रहा सीवरेज का ‘जहर’!

बिलासपुर। शहर के डियारा सेक्टर में डायरिया फैलने से आईपीएच विभाग की पेयजल योजनाओं पर ही नहीं बल्कि सीवरेज की लचर व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। दावा किया जा रहा है कि पेयजल स्रोत से लिए गए सैंपलों में किसी तरह की ‘खोट’ नहीं है। ऐसे में सीवरेज की लीकेज से पानी में ‘जहर’ घुलने की आशंका जाहिर की जा रही है। आईपीएच और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी ऐसे ही संकेत दिए हैं। लिहाजा इस पर कार्य करते हुए पेयजल लाइनों की चेकिंग की जा रही है।
डियारा सेक्टर में पिछले पांच-छह दिन से डायरिया ने कहर बरपा दिया है। तकरीबन 77 लोग उल्टी-दस्त और बुखार की चपेट में आने से अस्पताल पहुंचे। हालांकि, अब स्थिति नियंत्रण में है। ठिठुरन भरी सर्दी में डायरिया फैलने से लोग आगामी गर्मियों के सीजन को लेकर खौफजदा हो गए हैं। आईपीएच के अधिकारियों की मानें तो पानी के जितने भी सैंपल लिए गए वह सब ठीक हैं। ऐसे में पानी की लाइन में सीवरेज लीकेज मिल जाने की आशंका जाहिर की जा रही है। शहर में अभी तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बने हैं। पुराने ढर्रे पर सेप्टिक टैंक प्रणाली के तहत ही शहर की गंदगी ठिकाने लगाई जा रही है। ऐसे में सेप्टिक टैंकों के लीक होने की आशंकाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। स्वास्थ्य विभाग के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. राकेश रोशन भारद्वाज कहते हैं कि मामला लीकेज का लग रहा है। इस बारे में उन्होंने आईपीएच को भी अवगत करवा दिया था। उधर, आईपीएच के अधिशाषी अभियंता एसके धीमान का कहना है कि पानी के सैंपल ठीक हैं। ऐसे में कहीं से लीकेज होने की आशंका है। इस बारे में उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को भी चेक करने के निर्देश दिए हैं।

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