तीन बच्चाें पर टूट पड़ा दुखों का पहाड़

अंब (ऊना)। रपोह गांव में पत्नी का कत्ल कर आत्महत्या करने वाले हरिचंद के घर मातम पसरा है। उनके तीन बच्चाें पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पल भर में पूरा परिवार बिखर गया है। मौका-ए -वारदात पर मौजूद लोग यही कह रहे थे कि आखिर इन मासूमों का क्या दोष था। अभी तक पुलिस भी इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि वारदात के पुख्ता कारण क्या रहे होंगे। फिलहाल पुलिस बता रही है कि पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा रहता था, लेकिन इतनी सी बात पर कत्ल जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देना और बाद में खुदकुशी करना किसी के गले नहीं उतर रहा है। कुछ भी हो इस दिल दहला देने वाली वारदात से बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है। दंपति अपने पीछे दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गए हैं। दोनों बेटियों की उम्र 15 वर्ष हैं। यह दोनों जुड़वां पैदा हुई थीं। बेटा 12 वर्ष का है। अब तीनों बच्चों को उनके मामा अपने साथ ले गए हैं। यह परिवार आईआरडीपी से संबंध रखता था। पुलिस का कहना है कि हो सकता है कि वारदात की वजह गरीबी रही हो। पुलिस अपनी जांच को इस बिंदु पर भी फोकस किए हुए है कि दंपति को वारदात से पहले किसी ने कोई धमकी तो नहीं दी थी। अन्य कारणों की भी पुलिस तलाश कर रही है। हरिचंद के तीन अन्य भाई तथा उनका परिवार भी इसी मकान में रह रहा है। हरिचंद और उसके परिवार के हिस्से में आए कमरे के साथ वाले कमरे में हरिचंद की 75 वर्षीय बुजुर्ग मां रह रही है। हरिचंद के बच्चे ज्यादातर अपनी दादी के पास ही सोते थे। इस स्लेटपोश मकान के पिछले हिस्से के अन्य कमरों में उसके भाई तथा उनका परिवार रह रहा है। पुलिस ने हरिचंद के भाइयों तथा उनके परिवार और बुजुर्ग मां से भी पूछताछ की है। उनके बयान दर्ज हुए हैं। मृतक महिला सरोज बाला का मायका रपोह गांव से सटे चक क्षेत्र में है। अंब पुलिस थाना के एसएचओ गुरदीप सिंह ढिल्लो ने कहा कि तीनों बच्चे अपने मामा के साथ चले गए हैं। उन्होंने कहा कि अपनी पत्नी की हत्या के बाद हरिचंद ने मकान की छत में लगी एक लकड़ी से रस्सी बांधकर फंदा लगाया। घटनास्थल से रस्सी समेत कुछ अन्य चीजों को कब्जे में लिया गया है।

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