डेवलपमेंट प्लान की अनुपालना नहीं करने पर राज्य सरकार से जवाब तलब

डेवलपमेंट प्लान की अनुपालना नहीं करने पर राज्य सरकार से जवाब तलब

शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने न्यू शिमला डेवलपमेंट प्लान की अनुपालना नहीं करने के आरोपों पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने इस बाबत प्रधान सचिव नगर नियोजन, केंद्र सरकार, हिमुडा, नगर निगम और पर्यटन विभाग के निदेशक को नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई अब तीन हफ्ते बाद होगी। न्यू शिमला वेलफेयर सोसायटी ने याचिका में आरोप लगाया है कि न्यू शिमला फेज वन के सेक्टर 1 और 2 के ग्रीन एरिया में बिना डेवलपमेंट प्लान के निर्माण कार्य किए जा रहे हैं।

अदालत के ध्यान में लाया गया कि सरकार ने न्यू शिमला के लिए अलग से डेवलपमेंट प्लान बनाया है। यह प्लान टीसीपी अधिनियम और नगर निगम नियमों के प्रावधानों के अनुरूप बनाया था। आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने यह प्लान आज तक अदालत के समक्ष पेश नहीं किया है। राज्य सरकार दलील देती रही कि न्यू शिमला के लिए अलग से कोई प्लान नहीं बनाया है।

यह भी लगाए गए हैं आरोप
अदालत को बताया गया है कि न्यू शिमला के लिए बनाए प्लान में मूलभूत सुविधाएं प्रदान की गई थीं। इनमें ग्रीन एरिया, पार्क, पर्याप्त पार्किंग, स्कूल, अग्निशमन स्टेशन, व्यावसायिक परिसर और स्वास्थ्य केंद्र का प्रावधान किया था। बाद में इन सभी मूलभूत सुविधाओं से लोगों को वंचित किया गया और प्लान के विपरीत भूमि के प्रयोग को भी बदल दिया गया।

अदालत ने दिए थे मामले को सुलझाने के आदेश
अदालत को बताया गया कि वर्ष 2012 में प्रार्थी अमर सिंह संख्यान ने हाईकोर्ट के समक्ष न्यू शिमला प्लान की अवहेलना को चुनौती दी थी। वर्ष 2018 में याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को कमेटी का गठन करने के आदेश दिए थे। कमेटी को आदेश दिए थे कि न्यू शिमला वासियों की ओर से उठाए मामले को सुलझाया जाए। आरोप लगाया है कि इस कमेटी ने आज तक न्यू शिमला डेवलपमेंट प्लान की अवहेलना पर कोई कदम नहीं उठाया है।

यह है न्यू शिमला डेवलपमेंट प्लान
न्यू शिमला में मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए टीसीपी अधिनियम और नगर निगम नियमों के तहत इस प्लान को बनाया था। इसकी अवहेलना करते हुए न्यू शिमला में हो रहे निर्माण कार्य को वर्ष 2012 में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट के बार-बार आदेश पारित करने पर भी राज्य सरकार ने इस प्लान को अदालत के समक्ष पेश नहीं किया। प्लान में ग्रीन एरिया, पार्क, पर्याप्त पार्किंग, स्कूल, अग्निशमन स्टेशन, व्यवसायिक परिसर और स्वास्थ्य केंद्र का प्रावधान करना था। लेकिन इस पर काम नहीं हुआ।

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