देहरागोपीपुर (कांगड़ा)। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा रिस्क एनालायसिस एंड मिटीगेशन प्रीपेयर्डनेस सोसायटी (रैपस) के सहयोग से शुक्रवार को समिति हाल देहरा में उपमंडल देहरा के संबंधित क्षेत्रों में सतत विकास के लिए योजना बनाने में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए रैपस के अध्यक्ष पीपी रैणा ने कहा कि बेतरतीब निर्माण तथा अनियोजित विकास कई प्रकार की अनचाही स्थिति पैदा करता है और भयंकर आपदाओं को जन्म देता है। यदि थोड़ी सी समझ समय पर रखी जाए और गांव या नगर को एक जीवंत इकाई के रूप में देख कर भविष्य को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से विकास किया जाए तो हमार भविष्य सुरक्षित तथा सुखमय हो सकता है। उन्होंने कहा कि देहरा तथा आस-पास के क्षेत्रों के टीसीपी के दायरे में आने के बाद इसका विकास संतुलित तरीके से होगा। इसका उद्देश्य विकास में व्यवधान नहीं अपितु नागरिक सुविधाओं में बढ़ोतरी करना है। इससे आने वाले समय में उत्पन्न होने वाले रास्तों, पानी व मल निकासी और पार्किंग के झगड़ों से निजात मिल सकेगी। एसडीएम देहरा विनय कुमार ने कहा कि यदि विकास व्यवस्थित व एकसमान तरीके से हो तो शहर उतना ही सुंदर और स्वच्छ बनेगा। उमंडलीय नगर एवं ग्राम योजनाकार धर्मशाला आरएस प्रेमी ने कहा कि धारा 30ए के तहत एक्ट के लागू होने के बाद गांव में मकान बनाने के लिए विभाग से नक्शा पास करने की जरूरत नहीं होगी। अपितु, पंचायत प्रधान ही नक्शा पास करने के लिए अधिकृत होंगे। रैपस के सदस्य कर्नल कर्म सिंह ने आपदा प्रबंधन के बारे में बताया।
रैपस के सदस्य एएल शर्मा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। कार्यशाला में खंड विकास अधिकारी मुनीष शर्मा, सहायक नगर एवं ग्राम योजनाकार उर्मिला, अध्यक्ष पंचायत समिति देहरा रीना देवी, उपाध्यक्ष विजेन्द्र कुमार, अध्यक्ष नगर पंचायत देहरा सुनीता कुमारी आगि उपस्थित रहे।